इसी बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) के दौरान अप्रवासियों के पलायन ने राजनीतिक दलों की परेशानी बढ़ा दी है. जिन विधानसभा में महायुति और एमवीए के बीच कड़ी टक्कर है, वहां बिहार- यूपी के वोटरों की गैरमौजूदगी से राजनीतिक दलों खासकर बीजेपी को बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है. क्योंकि ये बीजेपी के ही कोर वोटर्स माने जाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक छठ व्रत के कारण सिर्फ मुंबई शहर से करीब 10 लाख अप्रवासी अपने गांव चले गए हैं, जिनके मतदान के दिन तक लौटने का इंतजार सभी पार्टियों को हैं.
बिहार के लोगों की संख्या करीब 3 लाख
महापर्व छठ 8 नवंबर को संपन्न होगा. वहीं , मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में मतदान 20 नवंबर को है. चूंकि सभी छठ मनाने यहां आये हैं. और 20 नवम्बर तक मुंबई वापस हो जाएंगे, इसकी संभावना कम है, क्योंकि छठ के मौके पर गाँव आने के बाद ये लम्बे समय तक यहां रहना पसंद करते हैं. जानकारी के मुताबिक मुंबई समेत अन्य जिलों में बिहार और यूपी पूर्वांचल के प्रवासी छठ करते हैं और इस मौके पर अधिकतर प्रवासी छठ पूजा के लिए अपने गांव चले जाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई की आबादी 1.84 करोड़ है, जिनमें 35 लाख लोग उत्तर भारतीय हैं. उनमें यूपी के प्रवासियों की तादाद करीब 20 लाख और बिहार के लोगों की संख्या करीब 3 लाख है. (Maharashtra Assembly Elections 2024)
यूपी बिहार के 18 लाख प्रवासी हैं वोटर्स
महाराष्ट्र की सियासत में बिहार और यूपी (पूर्वांचल ) के वोटर्स कई सीटों पर निर्णायक भूमिका में आ गए हैं. बता दें कि यूपी बिहार के प्रवासी मुंबई की मिल और फैक्ट्रियों में काम करते हैं. इनमें से 18 लाख प्रवासी अब मुंबई के वोटर भी बन चुके हैं. इसके चलते यहां के सियासी दल भी इन पर जमकर दांव लगाते हैं.
न्यूज़ डेस्क/समाचार प्लस, झारखंड-बिहार
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