न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
चुनाव आयोग ने भारत के 16वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गयी है। राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा। चुनाव आयोग ने विज्ञान भवन में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर तिथियों की घोषणा की। राष्ट्रपति के उम्मीदवार के नामांकन के लिए 29 जून अंतिम तिथि होगी। 17 जुलाई को होने वाले चुनाव के बाद देश को 25 जुलाई तक अपना नया राष्ट्रपति मिल जायेगा। 2017 में 17 जुलाई को चुनाव के बाद रामनाथ कोविंद को बतौर राष्ट्रपति चुना गया था। रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
चुनाव आयोग ने की घोषणाएं
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राष्ट्रपति के चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही कुछ गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि इनका पालन करना सभी वोट देने वाले सदस्यों के लिए निहायत जरूरी है-
- राज्यसभा और लोकसभा के सांसद वोट करेंगे।
- सांसदों का वोट वैल्यू 5,43,200 होगा।
- चुनाव में कुल 4,809 वोटर होंगे।
- राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे।
- राजनीतिक दल कोई व्हीप जारी नहीं कर सकेंगे।
- वोट देने के लिए विशेष स्याही वाला पेन का इस्तेमाल किया जायेगा।
- सभी वोटर 1, 2, 3 लिखकर अपनी पसंद का उम्मीदवार बतायेंगे।
- पहली पसंद का उम्मीदवार बताना अनिवार्य है।
- पहली पसंद का उम्मीदन नहीं बताने पर उनका वोट रद्द कर दिया जायेगा।
- मतदान में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है।
- राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना 15 जून को जारी की जायेगी।
- राष्ट्रपति के उम्मीदवार 29 जून तक नामांकन कर सकेंगे।
- 18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति का चुनाव।
- 21 जुलाई को मतगणना और नये राष्ट्रपति की घोषणा।
कौन चुनता है राष्ट्रपति को
राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों और विधायकों का निर्वाचन मंडल करता है। इसमें 776 सांसद (मनोनीत को छोड़कर) और विधानसभा के 4120 विधायक शामिल होते हैं। एनडीए बहुमत के आंकड़े से मामूली दूरी पर है। अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवाने के लिए एनडीए को बीजेडी और वायएसरआरसी के समर्थन की आवश्यकता होगी।
पिछला प्रदर्शन दोहराना चाहेगा एनडीए
2017 के राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को 65.35 प्रतिशत मत मिले थे। एनडीए की इस बार भी कोशिश ऐसी ही कोशिश होगी। चूंकि एनडीए बहुमत से थोड़ी पीछे रह जा रही है, इसलिए उसे दूसरी पार्टियों के सहयोग की जरूरत पड़ेगी। राष्ट्रपति चुनाव में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी एनडीए के साथ है, इसलिए राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को जीतने में परेशानी नहीं होगी। ये दोनों नेता पहले एनडीए उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही कोई फैसला लेना चाहेंगे। वर्तमान में राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग करने वाले निर्वाचन मंडल में राजनीतिक गठबंधनों की बात करें तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन के पास 23 प्रतिशत के करीब वोट है। वहीं एनडीए गठबंधन के पास लगभग 49 प्रतिशत वोट हैं।
यह भी पढ़ें: Rajya Sabha Election: 41 जा चुके राज्यसभा, 16 के लिए चल रहा दांव-पेंच चालू, कल फैसले का दिन