2 चरणों में होंगे गुजरात की 182 सीटों पर मतदान
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
चुनाव आयोग हिमाचल के चुनाव की घोषणा पहले ही कर चुके है, आज उसने गुजरात के चुनाव का भी बिगुल बजा दिया है। जहां हिमाचल प्रदेश में 1 ही चरण में मतदान कराये जायेंगे, वहीं गुजरात की कुल 182 सीटों पर 2 चरणों में वोट पड़ेंगे। चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदान की तिथियों और गाइडलाइन्स की घोषणा की। गुजरात में 1 और 5 दिसम्बर को वोट डाले जायेंगे, जबकि चुनाव परिणाम 8 दिसम्बर को आयेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि गुजरात की 182 सीटों के लिए कुल 4.9 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। जिनमें 4.6 लाख नये मतदाता होंगे। मतदान में सुविधा के लिए सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है।
पहले से ही यह उम्मीद थी की गुजरात के चुनाव दिसम्बर के पहले हफ्ते में समाप्त कर लिये जायेंगे ताकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही 8 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम भी घोषित कर दिए जाएं।
राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है गुजरात
पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात में पिछले 27 साल से भाजपा का यहां शासन है। लेकिन इस बार भाजपा को अपदस्त करने के लिए कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पूरा दमखम लगा रही हैं। गुजरात में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर दौड़ायें तो 2017 में लगातार छठी बार भाजपा ने 99 सीटें जीतकर यहां सरकार बनाई थी। कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव में कमजोर नहीं था। कांग्रेस ने तब 77 सीटें जीती थीं। जहां तक आप की बात है तो आप की इस बार पहली इंट्री हुई है, लेकिन वह भी गुजरात में अपनी जमीन तैयार करने में जी-जान से जुटी हुई है।
चुनावी सर्वे भाजपा के पक्ष में
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव पूर्व के कई सर्वे सामने आए थे। दोनों राज्यों में फिर से भाजपा की सरकार बनाने सम्भावना जतायी गयी है। गुजरात में पिछली बार सीटों का शतक नहीं बना सकी थी, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि भाजपा 100 का आंकड़ा हासिल करेगी। सर्वे बात रहा है कि कांग्रेस को पिछली बार से कम सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है, वहीं अपनी पहली इंट्री में आम आदमी पार्टी के खाते में 10 या ज्यादा सीटें जाने की उम्मीद जतायी जा रही है। जाहिर है आप को जितनी अधिक सीटें मिलेंगी, कांग्रेस की ही सीटें उतनी कम होंगी। जैसा कि दिल्ली के दो बार के विधानसभा चुनावों में सामने आया है। रही बात हिमाचल प्रदेश की तो, वैसे हिमाचल में हर पांच साल में सत्ता में पार्टी बदलने की परम्परा चल रही है, लेकिन सर्वे बता रहे हैं, इस बार यह परम्परा टूटेगी। यानी भाजपा की सत्ता में दोबारा वापसी होगी।
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