चुनाव प्रचार ने पकड़ी रफ्तार, इन मुद्दों पर झारखंड में लड़ा जा रहा चुनाव

झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान की ओर राज्य बढ़ रहा है। 13 नवम्बर को मतदान से पहले चुनाव प्रचार में अब 9 दिन और बचे हैं। जैसा कि झारखंड में चुनाव दो महागठबंधनों एनडीए और इंडिया के बीच होना है। लेकिन सच देखा जाये तो मुख्य मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में इंडी गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए मतदाताओं को आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दोनों ही गठबंधनों ने चुनाव शुरू होने से पहले जो मुद्दे अपने लिये तय कर रखे थे, लगभग उन्हीं मुद्दों पर दोनों कायम हैं और अपने अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच हैं।

भाजपा को भरोसा उसके मुद्दों को मिलेगा जन-समर्थन

भाजपा ‘रोटी, बेटी, माटी’ के मुद्दे पर जनता से वोट मांग रही है। इसके अलावा रोजगार को लेकर हेमंत सरकार के ‘पूरा नहीं किये गये वादों’ और संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव,के मुद्दे पर भाजपा को भरोसा है। भाजपा आदिवासी समुदायों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन को एक अहम मुद्दे के रूप में उजागर कर रही है, इसे ‘मिट्टी और बेटियों’ के चश्मे से पेश कर रही है। इसके अलावा ‘हेमंत सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार’ के आरोप और मासिक नकद हस्तांतरण योजना को लेकर झामुमो पर भाजपा हमलावर है। भाजपा बेरोजगारी और रोजगार के अवसरों पर चिंता जताने के साथ  मौजूदा सरकार के कार्यकाल में परीक्षा के पेपर लीक होने की घटनाओं को रेखांकित कर रही है। हेमंत सोरेन सरकार के सालाना पांच लाख नौकरियां देने का वादे को लेकर भी भाजपा जनता के बीच है।

झामुमो को हेमंत सरकार के काम पर भरोसा

झामुमो ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ जैसी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान केंद्रित कर चुनाव प्रचार कर रहा है। जेएमएम का दावा है कि पिछले पांच सालों में उसके प्रशासन ने सराहनीय नतीजे आये हैं। यह दृष्टिकोण राज्य के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को रेखांकित करने का प्रयास करता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने अभियान के केंद्र में ‘मंईयां सम्मान योजना’ को रख रहे हैं। झामुमो का दावा है कि यह पहल महिलाओं के कल्याण और सशक्तीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।

अब देखना यह है कि जनता किसके वादों पर विश्वास करती है और किसे अपना समर्थन देकर झारखंड की सत्ता तक पहुंचाती है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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