न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
कहावत है ‘दूध का जला छाछ भी फूंक मार कर पीता है’। यह कहावत कांग्रेस पर पूरी तरह सही बैठती है। इस समय उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। 7 मार्च को विधानसभा चुनावों का अंतिम चरण है। इसके बाद 10 मार्च को इन चुनावों के नतीजे आ जायेंगे। जैसे-जैसे नतीजे आने का दिन नजदीक आ रहा है, कांग्रेस की धड़कनें तेज होती जा रही हैं। इस लिए नहीं कि चुनाव में उसके पक्ष में नतीजे क्या आयेंगे, बल्कि इसलिए कि पिछले विधानसभा चुनावों में उसके साथ जो हुए हैं, वह एक बार फिर न हो जाये। कांग्रेस पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के नतीजों के बाद अपने विधायकों का ‘अवैध शिकार’ होने के डर से डरी हुई है।
कांग्रेस इसकी रणनीति अभी से बनाने लगी है। समझा जा रहा है कि इसी को लेकर रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और के.सी. वेणुगोपाल से नयी दिल्ली में मुलाकात की। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए। हालांकि सीएम गहलोत कह रहे हैं कि कांग्रेस नेताओं से उनकी यह औपचारिक मुलाकात मुलाकात है, लेकिन चर्चा है कि राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद की रणनीतियों पर कांग्रेस अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
कांग्रेस इससे पहले भी ऐसा कर चुकी है। गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को विपक्ष के अवैध शिकार के डर से कहीं स्थानांतरित कर दिया था। कांग्रेस असम में भी ऐसा कर चुकी है।
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