Eid al-Adha 2024: देश में शांतिपूर्ण तरीके से कड़ी सुरक्षा इंतजाम के साथ बकरीद की नमाज पढ़ी जा रही है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक धूमधाम से बकरीद त्यौहार मनाया जा रहा है. सभी लोगों ने नमाज पढ़ने के बाद एक-दूसरे को गले मिलकर बधाइयां दीं.
बकरीद को इस्लाम धर्म में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस्लाम में कुर्बानी का बहुत बड़ा महत्व होता है, इसलिए इस खास दिन पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है. कुरान के अनुसार, एक बार अल्लाह ने हजरत इब्राहिम (Hazrat Ibrahim) की परीक्षा लेनी चाही. उन्होंने हजरत इब्राहिम को हुक्म दिया कि वो अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान कर दें. हजरत को उनके बेटे हजरत ईस्माइल (Hazrat Ismail) सबसे प्यारे थे. अल्लाह के हुक्म के बाद हजरत इब्राहिम ने ये बात अपने बेटे ईस्माइल को बताई.
ईद-उल-अजहा के दिन इस्लाम धर्म के लोग सुबह जल्दी उठकर नहाते हैं और फिर नए कपड़े पहनते हैं. फिर पुरुष ईद की नमाज पढ़ने के लिए ईदगाह या मस्जिद जाते हैं. नमाज के बाद भेड़ या बकरे की कुर्बानी दी जाती है. बता दें कि कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों में बांटा जाता है. पहला भाग गरीबों और जरूरतमंदों में बांटा जाता है, जबकि दूसरा हिस्सा रिश्तेदार और दोस्तों को दिया जाता है. वहीं तीसरा भाग परिवार के लिए रखा जाता है.
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