Tribute To Jagarnath Mahto: झारखंड के शिक्षा मंत्री रह चुके दिवंगत जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahto) अपनी शिक्षा को लेकर हमेशा सुर्ख़ियों में रहे. जगरनाथ महतो के शिक्षा की बात करें तो उन्होंने (Jagarnath Mahto) ज्यादा पढ़ाई नहीं की थी। वह सिर्फ मैट्रिक (दसवीं) पास थे. यह परीक्षा भी उन्होंने 28 साल की उम्र में पास की थी. उन्होंने तब यह कहा था कि अगर उनकी पढ़ाई ठीक चली, तो वे 55 साल की उम्र में इंटर (बारहवीं) की परीक्षा पास करेंगे. उन्होंने 52 वर्ष की आयु में 11वीं कक्षा में प्रवेश लेकर एक नई मिसाल कायम कर दी थी.बचपन की ग़रीबी और बाद के सालों में झारखंड आंदोलन में सक्रियता के कारण उनकी पढ़ाई बीच में ही रुक गई थी.
‘पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई करके सीखना है राजनीति के गुर’
जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahto) ने कहा था कि उन्हें पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई करके बेहतर राजनीति के गुर सीखना है। उन्होंने कहा कि जिस दिन शिक्षा मंत्री के लिए उन्होंने शपथ ली थी, उसी दिन कुछ विरोधियों ने व्यंग्य किया था कि 10वीं पास शिक्षा मंत्री राज्य में शिक्षा के विकास के लिए भला क्या कर पाएंगे? उसी दिन मन में निश्चय कर लिया था कि आगे की पढ़ाई जरूर पूरी करेंगे और बच्चों को पढ़ाएंगे भी। उन्होंने इंटर में पहले विषय के रूप में राजनीती शास्त्र को चुना. उनका मानना था कि पॉलिटिक्स (राजनीति) करने वाले व्यक्ति को पालिटिकल साइंस (राजनीति शास्त्र) तो पढ़ना ही चाहिए.
1995 में बिहार बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा दी
उन्होंने जवाहर लाल नेहरू हाई स्कूल बोकारो से 1995 में बिहार बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा दी, इससे पहले उन्होंने अलारगो स्थित प्रावि में प्रारंभिक शिक्षा गुरु शिवनारायण सिंह के दिशा-निर्देश में हासिल की थी. फिर 5वीं तक की पढाई प्रावि तारम्बी में गुरु लखन गिरि के नेतृत्व में की. इसके बाद मिडिल (वर्ग- 7) तक की पढ़ाई मवि जुनौरी में गुरुजी भोला झा की देखरेख में पूरी की. मंत्री ने कहा- पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. लेकिन आगे की पढाई नहीं की. अभी हाल ही में उन्होंने नावाडीह (बोकारो ) के देवी महतो इंटर कॉलेज, में 11 वीं कक्षा में आर्ट्स स्ट्रीम में दाखिला ली। बता दें कि देवी महतो इंटर कॉलेज जगरनाथ महतो के द्वारा ही 2006 में नावाडीह (बोकारो जिला) स्थापित किया गया था.
शैक्षणिक योग्यता को लेकर खड़े हुए सवाल को चुनौती के रूप में लिया
फ़िर से पढाई शुरू करने के बारे में उनका कहना था कि जब वह शिक्षा मंत्री बने तो उनके शैक्षणिक योग्यता को लेकर उन्हें काफी कुछ कहा गया। तभी से उन्होंने यह निश्चय किया कि उन्हें फिर से अपनी पढाई शरू करनी है और 12 वीं पास कर सबकी बोलती बंद कर देनी है। उनकी 12 वीं के बाद आगे की पढाई करने की भी इच्छा थी। दसवीं के बाद पढ़ाई छूटने के संबंध में जगरनाथ महतो ने कहा था -उस वक्त झारखंड आंदोलन अपने चरम पर था। वे भी नौजवान थे। आंदोलन में कूद पड़े। विनोद बिहारी महतो के नेतृत्व में राजनीति करने लगे।

शिक्षा ग्रहण करने की थी ललक
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से इंटरमीडिएट रिजल्ट प्रकाशन के दौरान वह जब जैक कार्यालय पहुंचे थे तो इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर जिंदा रहा तो अगले साल इंटरमीडिएट का परीक्षा भी दूंगा और पास भी जरूर करूंगा.
…और नहीं कर पाए सपना पूरा
11वीं में दाखिला लेने के बाद जगरनाथ महतो ने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी । उनके कई ऐसे वीडियो भी वायरल हुए, जिसमें वे गाड़ी में पढ़ाई करते नजर आते थे। वर्ष 2021 में वे 11वीं की परीक्षा देने की तैयारी में थे। लेकिन इस बीच अचानक वे कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार हो गए। जिसके कारण 11वीं की भी परीक्षा नहीं दे पाएं। इस कारण 12वीं पास होने का उनका सपना अधूरा रह गया।
डुमरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे
जगरनाथ महतो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता थे और वह डुमरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्होंने 2019 में विधानसभा चुनाव में विजय हासिल की थी। उन्हें झारखण्ड सरकार में शिक्षा और आबकारी विभाग के मंत्री – शराब निषेध बनाया गया था। उनका जन्म 1967 में हुआ था। उनके पिता का नाम नेम नारायण महतो है। उनकी एक बेटी भी है जिनका नाम रीना है जिसकी शादी बोकारो में हुई है।
ये भी पढ़ें : झारखंड के शिक्षा मंत्री Jagarnath Mahto का निधन, चेन्नई में थे इलाजरत