कोरोना संक्रमण को हराकर झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कई महीनों बाद झारखंड लौट आए हैं. राज्य वापसी के बाद शिक्षा मंत्री Jagarnath Mahto फुल फॉम में दिखाई पड़ रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने राज्य के सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं को निजी स्कूलों के बराबर करने की ठान ली है और इसकी कवायद में जुट गए हैं . बता दें कि 32,623 सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. इसे लेकर अध्ययन भी हो रहा है. इस प्रयास में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, सांसद, विधायक, अभिभावक आदि सभी का सहयोग लेने की कोशिश रहेगी.
स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग का कार्य
झारखंड सरकार पूरे बजट का 15 फीसदी राशि सिर्फ शिक्षा में खर्च कर रही है. इसके तहत सरकार एक बच्चे पर के प्रति सलाना 20-22 हजार रुपये सभी मदों में खर्च करती है. इसके बाद भी अभिभावक सरकारी स्कूल से ज्यादा निजी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना पसंद करते हैं. इसी के कारण झारखंड के सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों की तर्ज पर व्यवस्थाओं से लैस किया जाएगा. शिक्षा मंत्री Jagarnath Mahto ने कहा कि जो पैसे सरकार एक बच्चे के प्रति साल भर में खर्च करती है, उस पैसे को हम सिस्टम से उपयोग में लायेंगे. उन्होंने बताया कि झारखंड में स्कूलों के भवन में कोई कमी नहीं है. कमी है तो शिक्षकों की. जिसकी भरपाई के लिए सरकार वैकेंसी निकालने जा रही है. इसके लिए तैयारी की जा रही है. जैक बोर्ड के गठन से संबंधित संचिका मुख्य सचिव झारखंड के समक्ष भेजी गयी है.
मॉडल स्कूल की तैयारी कर रही सरकार
सरकार जिला स्तर पर मॉडल स्कूल के रूप में चिह्नित 80 विद्यालयों में 27 उत्कृष्ट विद्यालयों के निर्माण कार्य के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. बचे हुए 53 विद्यालयों पर प्रशासनिक स्वीकृति की कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है. इन विद्यालयों में बच्चों को बेहतर सुविधाएं दी जाएगी.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 209 हाई स्कूलों को प्लस टू हाई स्कूल में उत्क्रमित करने का प्रस्ताव था, जिसमें 88 हाई स्कूलों को प्लस टू में उत्क्रमित की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इन विद्यालयों को अपग्रेड होने से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को प्लस टू की पढ़ाई के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में नहीं जाना पड़ेगा. इन स्कूलों के खुलने के बाद ग्रामीण बच्चे उच्च शिक्षा अर्जित कर सकेंगे. बता दें कि सिर्फ बोकारो जिले में 74 स्कूल अपग्रेड होंगे.
मदरसों और संस्कृत स्कूलों को मिलेगा अनुदान
राज्य में जो भी स्कूल-मदरसे प्रक्रिया के तहत संचालित हैं . जिन्हें स्थापना अनुमति मिली है. उन सभी को अनुदान राशि दी जा रही है. वहीं जो विद्यालय अस्थायी हैं, उन्हें अनुदान मिल सके, इस पर विचार किया जा रहा है. राज्य में कुल संचालित 183 मदरसों में 46 मदरसों को अनुदान दिया जा रहा है. इसी तरह राज्य में कुल संचालित 33 संस्कृत स्कूलों में से 12 स्कूलों को अनुदान राशि दी जा रही है.
शिक्षकों को मिलेगा गृह जिला, पारा शिक्षकों के लिए सरकार करेगी कार्य
राज्य के 57 हजार 237 सरकारी शिक्षकों के गृह जिले में स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने को लेकर जैप-आईटी के माध्यम से पोर्टल तैयार करने की कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है. पोर्टल का पायलट प्रारूप एक महीने के अंदर तैयार कर लिया जायेगा. राज्य स्तर पर शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर एक नोडल ऑफिसर बनाया गया है. कौन किस जिला में कार्यरत है तथा वे कहां के हैं, इसकी रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी नोडल ऑफिसर की होगी. सरकार का शिक्षकों को गृह जिला में लाना लक्ष्य है.
वहीं राज्य के 61 हजार पारा शिक्षकों के बेहतरी क लिए भी झारखंड सरकार कार्य कर रही है.
राज्य के 61 हजार पारा शिक्षकों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी. पारा शिक्षकों के कल्याण कोष, स्थायीकरण, वेतनमान पर आज भी सरकारी स्तर पर विचार चल रहा है. जल्द इस पर निर्णय सरकार करेगी. आपको बता दें कि बीते 28 सितंबर को पारा शिक्षकों के लिए गठित कमेटी की पहली बैठक थी. पर उसी दिन शिक्षा मंत्री Jagarnath Mahto कोरोना पॉजिटिव हो गए थे.
Mid Day Meal के लिए 53,567.75 लाख आवंटित
राज्य के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतर्गत मध्याह्ण भोजन मद में कुल 67.75 लाख आवंटित किये गये है. कक्षा 9-10 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को शत-प्रतिशत पुस्तक का वितरण किया जा चुका है.
झारखंड के स्कूलों की स्थिति
राज्य में स्कूलों की संख्या (प्राथमिक, उच्चतर प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक) : 35,441
राज्य में प्राथमिक, उच्चतर प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की संख्या :
1. सरकारी शिक्षक : 57,237
2. पारा शिक्षक : 61,000
3. कस्तूरबा विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक : 1000 (कुल- 1,19,237 शिक्षक)
वित्तीय वर्ष 2019-20 में नामांकित बच्चों की संख्या :
प्राथमिक (कक्षा 1 से 5) : 24,88,420
उच्चतर प्राथमिक (कक्षा 6 से 8) : 12,91,469
माध्यमिक (कक्षा 9 और 10) : 5,40,343
उच्चतर माध्यमिक ( कक्षा 11वीं और 12वीं) : 1,84,133
राज्य में कुल स्टूडेंट्स की संख्या : 4,50,436
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