रांची: झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के कई अधिकारी ऐसे हैं जो अब ईडी (ED)के निशाने पर हैं. उनपर आरोप है कि अवैध खनन (illegal mining) में फंसे आरोपियों की मदद के लिए उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है. इस मामले में डीएसपी राजेंद्र दुबे (DSP Rajendra Dubey)और दारोगा सरफुद्दीन (Daroga Sarfuddin) ईडी के सामने पेश हो चुके हैं. दोनों ही पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) से जुड़े मामले को लेकर अब अपने ऊपर वरीय अधिकारियों के दबाव की बात ईडी (ED)को बता रहे हैं. इससे कई वरीय पुलिस अधिकारियों को भी इस मामले में जल्द ही ईडी के सामने बुलाए जाने की सम्भावना बढ़ गई है.
इन्हें भी होगा समन जारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साहिबगंज एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा को भी तलब किया जा सकता है, साहिबगंज में बतौर डीएसपी के पद पर पदस्थापित रहे प्रमोद मिश्रा को भी ईडी ने 12 नवंबर को समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया है. वहीँ ईडी के सामने राजेंद्र दुबे ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार करते हुए ईडी से माफी भी मांग ली है और यह कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह सब सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर किया.
आलमगीर आलम को इसलिए दी क्लीन चिट
दारोगा सरफुद्दीन खान ने ईडी को पूछताछ में बता चुके हैं कि पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम को क्लीन चिट डीएसपी प्रमोद मिश्रा के द्वारा सुपरविजन के आधार पर दी गई थी. वहीं उन्होंने बताया था कि वह ठीक से लिख नहीं सकता, ऐसे में डीएसपी ने ही उसे सारी चीजें लिखकर दी थीं. इन्हीं तथ्यों के आधार पर डीएसपी प्रमोद मिश्रा को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है .
न्यायिक हिरासत के दौरान पंकज मिश्रा से बातचीत करते थे डीएसपी राजेन्द्र दुबे
वहीं दूसरी तरफ डीएसपी राजेंद्र दुबे पंकज मिश्रा के न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद उनसे बातचीत करने की वजह से ईडी के निशाने पर आ गए. सीसीटीवी फुटेज और सीडीआर के आधार पर यह प्रमाणित हो गया था कि डीएसपी राजेंद्र दुबे लगातार न्यायिक हिरासत में रह रहे पंकज मिश्रा से बातचीत कर रहे थे जिसके बाद डीएसपी को ईडी ने तलब किया.
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