बिहार (Bihar) के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने केंद्र सरकार पर बिना नाम लिए निशाना साधा है. नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब राज्यों के लिए कुछ किए बिना झूठा प्रचार-प्रसार हो रहा है. 2 महीने पहले बीजेपी से नाता तोड़ लेने वाले नीतीश कुमार ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जो सभी गरीब राज्यों को मिलना चाहिए, देने की लंबे समय से चली आ रही मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार नहीं किया. नीतीश कुमार ने इसी को बिहार के तेजी से विकास में रुकावट बताया।
“सरकार हिंदी के साथ-साथ उर्दू को बढ़ावा दे रही है”
सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गुरुवार को उर्दू (urdu)अनुवादक और अन्य उर्दू कर्मियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि हिंदी के साथ उर्दू जानेंगे तो आपकी भाषा और बेहतर होगी. इस कार्यक्रम में कुल 183 उर्दू अनुवादक और अन्य उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया है, जिसमें उर्दू अनुवादक, सहायक उर्दू अनुवादक, निम्नवर्गीय उर्दू लिपिक और निम्नवर्गीय हिंदी लिपिक शामिल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमने जब इस बात की समीक्षा की कि कितने पद सृजित हैं और कितने पर बहाली हुई है, तो जानकारी मिली कि कुल स्वीकृत पद 2247 हैं. जिसमें 1294 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. सभी स्वीकृत पदों पर जल्द ही बहाली होगी, सभी व्यक्तियों को हिंदी और उर्दू के प्रयोग का अधिकार है. जैसे हिंदी है वैसे ही उर्दू है, दोनों को बराबर की स्वीकृति मिली हुई है. सरकार हिंदी के साथ-साथ उर्दू को बढ़ावा दे रही है.
भाजपा ने किया कटाक्ष
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद (Nikhil Anand)ने ट्वीट कर नीतीश पर कटाक्ष किया है , ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश जी की मंशा हर स्कूल में उर्दू शिक्षक बहाल करने की है. विधानसभा में उर्दू जानकर क्यों है, अब हर थाने में उर्दू ट्रांसलेटर घुसेड़े जायेंगे.” उन्होंने बिहार के मुस्लिम बहुल सीमावर्ती जिले में दलित-पिछड़े-अति पिछड़े की स्थिति खराब होने का आरोप लगाते हुए कटाक्ष किया, ‘‘भाई, बिहार में पाकिस्तान मत बनाओ, खुद पाकिस्तान चले जाओ.”
बहाली की प्रक्रिया राष्ट्रीय राजग सरकार के समय ही पूरी हो चुकी थी- सुशील मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा में भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन फरवरी 2019 में निकला और मई 2022 तक परीक्षा, परिणाम और काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर 149 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जा चुका था. उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों को नियुक्ति पत्र बांट कर दिखावा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उन युवाओं को नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं जिनकी बहाली की प्रक्रिया राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के समय ही पूरी हो चुकी थी, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समर्थित सरकार झूठा श्रेय लेना चाहती है.
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