देश के दो राज्यों के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर 4 अक्टूबर से हड़ताल पर जा रहे हैं। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को बड़ा झटका लग सकता है।उत्तराखंड और झारखंड के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स ने इसकी सूचना स्वास्थ्य सचिव को दे दी है.
आपको बता दे कि पिछले दिनों साहिबगंज में आदिम पहाड़िया जनजाति की बच्ची की सदर अस्पताल (साहिबगंज) में कथित तौर पर इलाज के अभाव में मौत मामले में उपायुक्त की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने राजव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है.इस संबंध में संघ की वर्चुअल बैठक में सभी जनपदों की कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक में 4 अक्तूबर से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
स्वास्थ्य सचिव को संघ ने पत्र लिखते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो राज्यभर के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी जगह स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा कार्य-बहिष्कार किया जायेगा.संघ ने निर्णय लिया है कि हड़ताल के दौरान ओपीडी, आइपिडी और सर्जरी नहीं होगी जबकि इमरजेंसी सेवा बहाल रहेगी. संघ की मांग है कि शीघ्र ही विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) और एसडीएसीपी (Special Dynamic Assured Career progression) के आदेश जारी किए जाएं. इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाए.