Dinesh Gope Story:रांची: झारखंड में आतंक का पर्याय मोस्ट वांटेड 25 लाख का इनामी दिनेश गोप (Dinesh Gope) को एनआईए और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया है. दिनेश गोप (Dinesh Gope) उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का सुप्रीमो है.
झारखंड के खूंटी, रांची, सिमडेगा, चाईबासा, गुमला, लोहरदगा जैसे जिलों के लिए दिनेश गोप आतंक का दूसरा रूप था. दो दशक से झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द रहा पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले खूंटी के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के गांव लप्पा मोहराटोली का रहने वाला था, गांव के लोगों के मुताबिक एक समय दिनेश भारतीय सेना में जाने की तैयारी कर रहा था. इसके लिए उसने शारीरिक परीक्षा सहित दूसरी मेरिट लिस्ट में भी सफल रहा था.
इसलिए फ़ौज में नहीं जा सका
कहा जाता है कि सेना के द्वारा पत्र भी दिनेश गोप को भेजा गया था, लेकिन वह उसे मिला ही नहीं. क्योंकि उसी के गांव के कुछ दबंगों ने उस लेटर को दिनेश गोप तक पहुंचने ही नहीं दिया.जब इसकी जानकारी दिनेश गोप के भाई सुरेश को हुई तो वह दबंगों का विरोध करने लगा. दबंगों के विरोध की वजह से वह उनके निशाने पर आ गया और दबंगों से बचने के लिए वह नक्सलियो के साथ हो गया, लेकिन साल 2000 में दिनेश का भाई सुरेश पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया. सुरेश के मारे जाने के बाद दिनेश गोमती छोड़कर भाग गया. लेकिन जब वह वापस लौटा तब वही सीधा सादा दिनेश गोप नहीं था. वह उग्रवादी संगठन जेएलटी के साथ लौटा. जेएलटी का नाम ही आगे चलकर पीएलएफआई हुआ.
स्कूल से लेकर धर्मशाला तक बनाए
ग्रामीणों को अपने पक्ष में जोड़ने के लिए काम करना शुरू कर दिया, ताकि उसका वर्चस्व हमेशा इलाके में बना रहे. इसके लिए उसने कई निशुल्क स्कूल खोला, धर्मशालाएं बनाई. यहां तक की गरीब बेटियो की शादी के लिए भी वह दिल खोलकर पैसा लुटाने लगा. दबंगों के द्वारा हड़पी गई गरीबों की जमीन दिलवाने के लिए वह पंचायत भी लगाने लगा. इस तरह से दिनेश गोप ने एक बड़ा खौफ का साम्राज्य तैयार कर लिया, जिसके बल पर वह लगातार पुलिस को भी चकमा देता रहा.
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