Jharkhand: कांग्रेस ने केशव महतो कमलेश को ‘रबर स्टाम्प’ प्रदेश अध्यक्ष बनाया या कुछ और है रणनीति!

झारखंड में विधानसभा चुनाव के ठीक कांग्रेस ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है। राजनीति में हर फैसले किसी न किसी राजनीतिक लाभ के लिए किये जाते हैं। राजेश ठाकुर जैसे तेज-तर्रार प्रदेश अध्यक्ष के स्थान पर करीब 18 वर्षों से राजनीतिक से किनारे चल रहे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर हर कोई अचरज कर रहा है। इसके पीछे या तो कोई गहरा राजनीतिक दांव हो सकता है, या फिर कांग्रेस ने किसी ‘रबर स्टाम्प’ को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। केशव महतो कमलेश प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए कितनी उपयोगी सिद्ध होंगे और उनकी पार्टी का उनसे कितना लाभ होगा यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन इस समय राज्य में इंडी गठबंधन को जोड़कर रखने की जहां तक बात है, उसमें राजेश ठाकुर ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। राजेश ठाकुर को हो सकता है पार्टी कोई नयी और बड़ी जिम्मेदारी सौंपना चाहती है। फिलहाल यह आंकलन जरूरी है कि कमलेश महतो कमलेश अपनी पार्टी और राज्य की राजनीति में कैसे उपयोगी हो सकते हैं।

कांग्रेस देश की बड़ी और मंझी हुई पार्टी है। इसलिए केशव महतो कमलेश को प्रदेश की इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है, तो उसके मायने भी बड़े होंगे। दरअसल, कांग्रेस ने प्रदेश में ओबीसी दांव खेला है। यह राज्य में महतो (कुर्मी) जाति को साधने की रणनीति के तहत किया गया कदम है। भाजपा का कोर वोट बैंक ओबीसी है, इसलिए करीब 42 प्रतिशत ओबीसी आबादी वाले झारखंड में कांग्रेस ने सेंध लगाने के लिए ही यह दांव चला है। केशव महतो कमलेश व्यवहार कुशल, सादा जीवन व्यतीत करने वाले नेता है। इसलिए कांग्रेस को लगता है कि केशव महतो कमलेश को नयी जिम्मेदारी देने से ओबीसी वोट उनके लिए गोलबंद हो जायेंगे।

केशव महतो कमलेश का अब तक का राजनीतिक सफर

कांग्रेसी नेता केशव महतो कमलेश 1985 में पहली बार सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक बने थे। 1989 में वह बिहार सरकार में मंत्री रहे। 1995 में केशव महतो कमलेश सिल्ली से दोबारा विधायक चुने गये। 2000 के चुनाव में केशव महतो कमलेश को आजसू ने सुदेश महतो के हाथों पराजय झेलनी पड़ी थी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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