बॉलीवुड की चर्चित फिल्मों राज और 1920 के निर्देशक विक्रम भट्ट एक बड़े धोखाधड़ी मामले में गंभीर संकट में घिरते नजर आ रहे हैं। करीब 30 करोड़ रुपये के फ्रॉड केस में उन्हें और उनकी पत्नी श्वेताम्बरी को उदयपुर की एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके बाद दोनों को उदयपुर की सेंट्रल जेल शिफ्ट किया जाएगा।
विक्रम भट्ट को 9 दिसंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और अदालत ने उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था। मंगलवार को विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी की ओर से मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।
कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
आरोपी पक्ष के वकील मंजूर अली ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि दंपती की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अंतरिम जमानत की मांग की गई है। हालांकि, डीएसपी सूर्यवीर सिंह ने पुष्टि की कि अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला उदयपुर के इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया से जुड़ा है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. मुर्डिया अपनी दिवंगत पत्नी की बायोपिक बनाना चाहते थे। आरोप है कि विक्रम भट्ट और उनकी टीम ने फिल्म के जरिए 200 करोड़ रुपये की कमाई का झांसा दिया।
डॉ. मुर्डिया का आरोप है कि फिल्म प्रोडक्शन और मुनाफे के नाम पर 30 करोड़ रुपये की ठगी की गई। इस संबंध में 17 नवंबर को उदयपुर के भोपालपुरा थाने में विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
फर्जी बिल और झूठे वादों का आरोप
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने फर्जी बिल और गलत दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी की। जांच में सामने आया है कि निवेश की गई रकम का उपयोग तय उद्देश्य के लिए नहीं किया गया।
फिलहाल, पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।