नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को कांग्रेस नेतृत्व को बड़ी कानूनी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिला और दिल्ली में बीजेपी कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
कोर्ट के फैसले से गांधी परिवार को राहत
कोर्ट के इस फैसले से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को फिलहाल बड़ी राहत मिली है। अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले में आवश्यक कानूनी आधारों की कमी है, जिसके चलते चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता।
अभिषेक मनु सिंघवी बोले – “खोखला मामला था”
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“मैंने खुद यह अहम केस लड़ा है। यह एक खोखला मामला था, जिसे बेवजह इतने ऊंचे स्तर तक ले जाया गया। हमने पहले ही कहा था कि इसमें न तो पैसे का लेन-देन हुआ, न संपत्ति का ट्रांसफर, तो फिर मनी लॉन्ड्रिंग कहां है? कोर्ट द्वारा संज्ञान न लेना इस बात का प्रमाण है कि मामला बेबुनियाद था।”
कांग्रेस ने बताया ‘सत्य की जीत’
कांग्रेस पार्टी ने कोर्ट के फैसले को “सत्य की जीत” करार दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कांग्रेस ने लिखा कि मोदी सरकार की कथित बदनीयत और गैरकानूनी कार्रवाई आज पूरी तरह बेनकाब हो गई है। पार्टी ने दावा किया कि अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ED के पास न तो वैध FIR थी और न ही ऐसा कोई आधार, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता हो।
राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीते एक दशक से मुख्य विपक्षी दल के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन अब अदालत के फैसले से यह साफ हो गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं था, न अपराध की आय और न ही संपत्ति का कोई हस्तांतरण हुआ।
BJP कार्यालय के बाहर जश्न
फैसले के बाद दिल्ली में बीजेपी कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह फैसला न सिर्फ पार्टी नेतृत्व के लिए बल्कि लोकतंत्र और कानून के राज के लिए भी महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस ने अंत में कहा कि पार्टी और उसका नेतृत्व सत्य और संविधान की रक्षा के लिए आगे भी मजबूती से लड़ता रहेगा—“सत्यमेव जयते।”