झारखंड में सामने आए शराब घोटाला, हजारीबाग वन भूमि घोटाला और सेवायत भूमि घोटाला से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामलों की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है।
झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) इन मामलों के आरोपियों के बैंक अकाउंट और लॉकर की गहन जांच में जुट गई है।
एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने काली कमाई को किन-किन माध्यमों और जगहों पर छिपाकर रखा है।
सभी बैंकों को ACB का पत्र, मांगी गई पूरी डिटेल
ACB ने झारखंड में संचालित—
-
सभी सरकारी बैंक
-
सभी प्राइवेट बैंक
को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे आय से अधिक संपत्ति मामलों के आरोपियों से जुड़ी पूरी बैंकिंग जानकारी उपलब्ध कराएं।
🔍 जिन लोगों की जांच हो रही है:
-
निलंबित IAS विनय चौबे
-
उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता
-
नेक्सजेन कंपनी के मालिक विनय सिंह
-
उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह
-
विनय चौबे के साले शिपीज त्रिवेदी
-
उनकी पत्नी प्रियंका त्रिवेदी
-
विनय चौबे के ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी
बैंक अकाउंट के साथ लॉकर की भी जानकारी मांगी
ACB ने बैंकों से यह स्पष्ट जानकारी मांगी है कि—
-
इन लोगों के नाम पर
-
किस बैंक में
-
कितने बैंक अकाउंट
-
और कितने लॉकर
मौजूद हैं।
👉 पत्र में यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि आरोपियों के नाम पर कोई लॉकर पाया जाता है तो उसे अगले आदेश तक तत्काल फ्रिज कर दिया जाए।
SBI में स्वप्ना संचिता के नाम पर दो लॉकर की पुष्टि
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि—
ACB इन लॉकरों में—
-
रखी गई संपत्ति
-
नकदी
-
जेवरात
-
और अन्य दस्तावेजों
की जानकारी जुटाने की तैयारी में है।
दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट की जांच
सूत्रों के अनुसार, ACB अब तक—
की पड़ताल कर चुकी है।
जांच का फोकस इस बात पर है कि—
कितने पैसों का कथित भ्रष्टाचार किया।
काली कमाई कहां और कैसे की गई निवेश?
ACB यह भी जांच कर रही है कि—
निवेश की गई।
इसमें—
भी जांच के दायरे में हैं।
जल्द हो सकती है अगली बड़ी कार्रवाई
ACB सूत्रों का कहना है कि—
भी की जा सकती है।
यह मामला झारखंड के अब तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक माना जा रहा है।
निष्कर्ष
शराब घोटाला और भूमि घोटालों से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामलों में ACB की यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि जांच एजेंसी अब किसी भी स्तर पर ढील देने के मूड में नहीं है।
आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और भी बड़े खुलासे संभव हैं।