भारत ने अपने फाइटर जेट प्रोग्राम को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए 5th जनरेशन AMCA लड़ाकू विमान के लिए Morphing Wing Technology का सफल परीक्षण कर लिया है। यह वही हाई-एंड स्टेल्थ टेक्नोलॉजी है, जिस पर अभी तक सिर्फ अमेरिका, यूरोप और NASA जैसी एजेंसियों का ही दबदबा माना जाता था।
यह सफलता भारत को दुनिया के Shape-Shifting Fighter Jets Club में शामिल करती है—एक ऐसा क्लब जिसमें अब तक चुनिंदा सुपरपावर ही मौजूद थे।
Morphing Wing Technology क्या है और यह इतनी खास क्यों है?
यह तकनीक फाइटर जेट को “जीवित पक्षी” की तरह उड़ान के दौरान अपने पंखों का आकार बदलने की क्षमता देती है।
जरूरत पड़ने पर पंख फैल जाते हैं
डॉगफाइट में तुरंत सिकुड़कर maneuverability बढ़ाते हैं
रडार से बचने के लिए stealth आकार अपना लेते हैं
हवा के दबाव, ऊंचाई और मिशन प्रोफाइल के हिसाब से shape-shift करते हैं
दुनिया में आज भी यह टेक्नोलॉजी तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक मानी जाती है। अमेरिका इसे टॉप-सीक्रेट रखता है, जबकि चीन और रूस के 5th-gen जेट्स में इस स्तर की क्षमता होने पर लगातार सवाल उठते रहते हैं।
अब भारत इस एलीट लिस्ट में शामिल हो चुका है।
यह तकनीक काम कैसे करती है? DRDO का असली कमाल क्या है?
Morphing Wings Shape Memory Alloy (SMA) तकनीक पर आधारित होते हैं–
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गर्म होने पर फैलते हैं
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ठंडा होने पर सिकुड़ते हैं
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यह प्रक्रिया सिर्फ 0.17 सेकेंड में पूरी हो जाती है
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पंख प्रति सेकेंड 35° की तेजी से अपना एंगल बदलते हैं
यानी जेट हवा में ही स्थिरता, स्पीड, स्टेल्थ और maneuverability का पूरा कॉन्फिगरेशन बदल सकता है।
सबसे बड़ी सफलता: ऊर्जा बचाने वाला DRDO का ‘Adaptive Power Algorithm’
Morphing Wings का सबसे बड़ा चैलेंज था—
पंखों को बार-बार गर्म और ठंडा करने में लगने वाली भारी बिजली।
इससे इंजन पर अतिरिक्त भार पड़ता है।
DRDO ने इसके लिए एक Adaptive Power Allocation Algorithm विकसित किया, जो:
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सिर्फ उसी हिस्से को ऊर्जा देता है जिसे बदलना है
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पूरा विंग गर्म करने की जरूरत नहीं पड़ती
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ऊर्जा की बर्बादी लगभग खत्म
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सिस्टम ने कुल सिर्फ 5.6% अतिरिक्त ऊर्जा ली
यह आंकड़ा दुनिया के मानकों के हिसाब से बेहद कम है और DRDO की इंजीनियरिंग क्षमता का बड़ा प्रमाण है।
AMCA प्रोजेक्ट पर इसका क्या असर होगा?
Morphing Wing Technology भारत के AMCA फाइटर प्रोग्राम में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी—
स्टेल्थ क्षमता कई गुना बढ़ेगी
जेट का रडार सिग्नेचर डायनामिक तरीके से बदल सकेगा।
डॉगफाइट में सुपर maneuverability
जेट सेकेंडों में shape-shift कर सकेगा।
रेंज और स्पीड में सुधार
क्रूज मोड में ड्रैग कम होगा, ईंधन की बचत होगी।
6th Gen तकनीक की तरफ बड़ा कदम
यह तकनीक दुनिया के भविष्य के 6th-Gen जेट्स की बुनियाद मानी जाती है।
ड्रोन और UAV सिस्टम में भी उपयोग
Unmanned platforms और combat drones के लिए भी यह गेम-चेंजर है।
भारत की रक्षा क्षमता पर क्या असर पड़ेगा?
यह उपलब्धि ऐसे समय पर आई है जब भारत तेजी से अपनी एयर पावर का विस्तार कर रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि—
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भारत अब रक्षा टेक्नोलॉजी में सुपरपावर देशों की बराबरी करने लगा है
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AMCA प्रोजेक्ट को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से देखा जा रहा है
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यह टेक्नोलॉजी भारत के रक्षा निर्यात को नई दिशा दे सकती है
Morphing Wing का परीक्षण भारत के भविष्य के फाइटर जेट्स में एक नया अध्याय खोलता है—और यह साबित करता है कि भारत सिर्फ खरीददार नहीं, बल्कि तकनीक का निर्माता देश बन रहा है।