धनबाद के केंदुआडीह कोलियरी अंतर्गत राजपूत बस्ती में तीन दिसंबर को हुए जहरीली गैस उत्सर्जन की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि करीब तीन हजार की आबादी गंभीर रूप से प्रभावित बताई जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी सक्रिय हो गया है।
कोयला मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम धनबाद पहुंची
बुधवार सुबह कोयला मंत्रालय की हाई लेवल टीम धनबाद पहुंची, जिसमें शामिल हैं:
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सनोज कुमार झा – अतिरिक्त सचिव, कोयला मंत्रालय
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अच्युत घटक – तकनीकी निदेशक, कोल इंडिया
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आलोक ललित – कार्यकारी निदेशक (समन्वय)
टीम सीधे प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा ले रही है और मौके पर चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की भी समीक्षा कर रही है।
प्रभावित लोगों से सीधा संवाद, कई इलाकों का निरीक्षण
उच्च स्तरीय टीम ने:
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पुराना जीएम बंगला
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राजपूत बस्ती
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कंट्रोल रूम
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स्थानीय अस्पताल
जैसे प्रमुख स्थलों का दौरा किया। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और स्थिति की वास्तविक तस्वीर जानी।
BCCL और CMPDI के शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक
टीम की बैठक में शामिल रहे:
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मनोज कुमार अग्रवाल – CMD, BCCL
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चौधरी शिव राज सिंह – CMD, CMPDI
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मुरली कृष्ण रमैया – निदेशक (मानव संसाधन)
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निलांद्री राय – तकनीकी निदेशक
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संजय कुमार सिंह
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एस कुमार – रीजनल डायरेक्टर, CMPDI
इसके अलावा कई वैज्ञानिक और सुरक्षा विशेषज्ञों को भी बैठक में बुलाया गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोयला मंत्री का पत्र
कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस पूरे मामले को लेकर:
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गृह मंत्रालय
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झारखंड सरकार
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है। फिलहाल चार मंत्रालयों की टीमें राजपूत बस्ती में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
कार्बन मोनोऑक्साइड रिसाव पर वैज्ञानिक अध्ययन
गैस रिसाव के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए निम्न संस्थानों को लगाया गया है:
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IIT (ISM) धनबाद
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CIMFR (सिंफर)
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CMPDIL
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DGMS
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PMRC
अधिकारियों के मुताबिक इलाके में पीपीएम स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में बढ़ रहा है, जिससे बड़ा खतरा बना हुआ है।
3000 लोग प्रभावित, 500 परिवार होंगे शिफ्ट
BCCL CMD मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा:
“करीब तीन हजार लोग प्रभावित हैं। लगभग 500 परिवारों को स्थानांतरित किया जाएगा। इन्हें बेलगढ़िया में जरेडा योजना के तहत सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। हमारी प्राथमिकता है कि जान-माल की कोई क्षति न हो।”
प्रशासन हाई अलर्ट पर, सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
फिलहाल पूरा प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर है। प्रभावित इलाके में 24 घंटे निगरानी, मेडिकल टीमें तैनात और लगातार गैस की मॉनिटरिंग की जा रही है।
संक्षेप में
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केंदुआडीह गैस कांड पर PMO सख्त
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कोयला मंत्रालय की हाई लेवल टीम धनबाद पहुंची
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2 महिलाओं की मौत, 3000 लोग प्रभावित
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500 परिवारों को किया जाएगा शिफ्ट
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वैज्ञानिक संस्थानों से गैस रिसाव की जांच
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चार मंत्रालय एक्टिव मोड में