Deoghar Ropeway Accident: इस वक्त देवघर त्रिकूट रोपवे हादसे हादसे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल त्रिकूट हादसे पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं. राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.
दरअसल इसके पूर्व भी जनहित से जुड़े कई मामलों में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. कोरोना काल में रेमदेसीविर की कालाबाजारी और रांची सदर अस्पताल में इलाज को लेकर व्यवस्था पर भी हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था. अब देवघर त्रिकूट रोपवे हादसे हादसा मामले में भी झारखंड हाईकोर्ट की कड़ी नजर है. जाहिर है कोर्ट अब इस मामले पर खुद नजर रखेगा और इसकी मॉनिटरिंग करेगा. इस हादसे के बाद राज्य सरकार की व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
सवालों के घेरे में झारखंड के पर्यटन मंत्री
वहीं इस पूरे मामले में पर्यटन विभाग सवालों के घेरे में है. पर्यटन मंत्री हाफिज उल हसन अंसारी को भी इस पूरे मामले में जवाब देते नहीं बन रहा है. ऐसे में हाईकोर्ट की ओर से जांच कराने के आदेश के बाद राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया है और जल्द ही इस मामले में राज्य सरकार की ओर से जांच टीम तैयार कर पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी. रोपवे हादसे के रेस्क्यू में भी लाख परेशानियां आ रही है. बावजूद इसके फंसे लोगों को निकालने का काम चुनौतियों की भी जारी है. जाहिर है झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बाद इसके पीछे जो लोग भी जिम्मेदार होंगे. जांच टीम उन तक पहुंचने की कोशिश करेगी और तमाम लोगों के खिलाफ आरोप गठित किया जाएगा.
46 घंटों तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
वहीं इससे पहले त्रिकुट पर्वत पर रेस्क्यू टीम ने लगातार पिछले 45 घंटों से भी अधिक समय तक का रेस्क्यू किया. ताजा अपडेट के अनुसार सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी है. आज रेस्क्यू के दौरान भी रस्सी टूटने की वजह से एक महिला की मौत हो गयी. बता दें, इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी एवं स्थानीय प्रशासन की टीम ने एक साथ मोर्चा संभाल रखा था. मंगलवार सुबह अहले सुबह से सेना के जवानों ने Mi 17 हेलीकाप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करते ही बारी-बारी से लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला.