रांची : राज्यसभा सांसद बीजेपी के सचिवालय घेराव कार्यक्रम के दौरान हुई पत्थरबाजी और उपद्रव की घटना को लेकर धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच और कार्रवाई शुरू कर दी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश (Deepak Prakash)को धुर्वा थाना की ओर से नोटिस भेजा गया है.
क्या है मामला
मामला 11 अप्रैल 2023 को सचिवालय घेराव के दौरान हुए उपद्रव से जुड़ा है. नोटिस में दीपक प्रकाश (Deepak Prakash)को 22 अप्रैल को पूछताछ के लिए धुर्वा थाना में दिन के 11 बजे हाजिर होने का निर्देश दिया गया है.
आवाज़ दबाना चाहती है सरकार
सांसद दीपक प्रकाश ने समाचार प्लस झारखंड बिहार से बातचीत के दौरान नोटिस भेजे जाने के मामले पर कहा कि सरकार आवाज़ दबाना चाहती है, अब जब हमने जनमुद्दों की बात उठाई तो नोटिस भेज दिया गया. सरकार आलोचना सुनना नहीं चाहती. बेरोजगारों पर तो यह सरकार कहर बरपाने का काम कर रही है.
तीन पूर्व सीएम, 5 सांसद समेत 41 लोगों पर धुर्वा थाना में केस दर्ज
इससे पहले मंगलवार देर रात तीन पूर्व सीएम, 5 सांसद समेत 41 लोगों पर धुर्वा थाना में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में अज्ञात हजारों कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं.
11 अप्रैल को हुए सचिवालय घेराव प्रदर्शन के दौरान 18 नाम और जोड़े गए.
एफआईआर में नामजद आरोपियों में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद संजय सेठ, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, राज्यसभा सांसद समीर उरांव, राज्यसभा सांसद निशिकांत दुबे, विधायक अमित मंडल, आरती कुजूर, मुनचुन राय, उमेश यादव, प्रदीप मुखर्जी, शत्रुघ्न सिंह, अनिता सोरेन, वीरेंद्र यादव, ललित ओझा, कुमकुम देवी, कामेश्वर सिंह, अमित भैया उर्फ अमित कुमार, कमलेश राम, केके गुप्ता, कुलवंत सिंह बंटी, गुंजन यादव, अमित कुमार, विकास कुमार पांडे, दिलीप कुमार सिंह, नीलम चौधरी, साधु मांझी, विमल मरांडी शामिल हैं. इसके अलावा 1 हजार अज्ञात भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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