न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह कैसा संयोग है कि आज देश अपने 9वें प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पुण्यतिथि पर स्मरण कर रहा है, इसके कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने एक दुर्लभ फैसला देते हुए उनके हत्यारे एजी पेरारिवलन को जेल से रिहा कर दिया है। पेरारिवलन को तो दुनिया याद नहीं रखना चाहेगी, लेकिन राजीव गांधी के योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन 21 मई, 1991 को लिट्टे उग्रवादियों के हाथों शहादत से पहले अपने सात साल के छोटे से शासनकाल में अपने कार्यों से अपनी अमिट छाप छोड़ी।
आज ही के दिन 1991 की रात हुई थी दर्दनाक मौत
21 मई, 1991 की उस रात तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी तमिलनाडु में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे, तभी एक महिला (आत्मघाती हमलावर) उन्हें माला पहनाने पहुंची। महिला ने उन्हें माला पहनाकर पैर छूने के बहाने अपने कमर पर बंधे बम का बटन दबा दिया, फिर….
उस हादसे के बाद राजीव गांधी को काल ने हमसे हमेशा के लिए छीन लिया। लेकिन अपने कार्यों से देश को उन्होंने जो कुछ दिया उन उपलब्धियों को आज भी देश याद करता है।
युवाओं को दिया वोट देने का मौका
प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में यह महसूस किया कि देश में वोट करने की 21 वर्ष की आयु सीमा सही नहीं है। राजीव गांधी खुद युवा प्रधानमंत्री थे इसलिए युवाओं का ध्यान रखते हुए उन्होंने देश में वोट देने की उम्र 18 वर्ष की कर दी जो कि आज भी जारी है। 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की आयु सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
कंप्यूटर क्रांति
राजीव गांधी को देश में कम्प्यूटर क्रांति का जनक कहा जाता है। राजीव गांधी मानते थे कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने ना सिर्फ कंप्यूटर को भारत के घरों तक पहुंचाने का काम किया, बल्कि भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम रोल निभाया।
दूरसंचार क्रांति
कम्प्यूटर क्रांति की तरह ही दूरसंचार क्रांति का श्रेय भी राजीव गांधी को जाता है। अगस्त 1984 में राजीव गांधी की पहल पर भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) की स्थापना की गयी। इस पहल से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ। गांव की जनता भी संचार के मामले में देश-दुनिया से जुड़ने लगी। 1986 में राजीव की पहल पर ही एमटीएनएल की स्थापना हुई, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई।
पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत
पंचायती राज व्यवस्था की नींव रखने का श्रेय भी राजीव गांधी को जाता है। राजीव के इस प्रयास से निचले स्तर के लोगों की लोकतंत्र तक पहुंच आसान हुई। हालांकि सत्ता के विकेन्द्रीकरण की उनकी यह सोच उनकी हत्या के एक साल बाद साकार हो सकी। लेकिन यह उनके ही प्रयासों का परिणाम था। 1992 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायतीराज व्यवस्था का उदय हुआ। 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू कर दी गयी।
नवोदय विद्यालयों की नींव
नवोदय विद्यालय भी राजीव गांधी के सोच का परिणाम है। ग्रामीण और शहरी वर्गों के लिए नवोदय विद्यालयों की नींव राजीव गांधी के शासन काल में रखी गयी थी। उनके कार्यकाल में ही जवाहर नवोदय विद्यालयों की नींव डाली गई। ये आवासीय विद्यालय होते हैं। प्रवेश परीक्षा में सफल मेधावी बच्चों को इन स्कूलों में प्रवेश मिलता है। बच्चों को छह से 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति
NPE यानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा राजीव गांधी ने ही की थी। 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की गयी थी। इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार संभव हुआ।
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