न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
मौसम विभाग के अनुसार 9 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक ग्रीष्मकालीन चक्रवात दस्तक दे सकता है। हालांकि मौसम विभाग ने अभी इसका कोई सटीक पूर्वानुमान नहीं लगाया है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने संकेत दिये है कि 9 मई के आसपास चक्रवाती तूफान बनने का संकेत मिल रहा है, लेकिन इसके सटीक अनुमान के लिए अभी थोड़ा इन्तजार करना होगा। इसकी गति और तीव्रता का कोई भी अनुमान 7 मई तक ही लग सकता है। फिलहाल चक्रवात की आशंका को देखते हुए मौसम विभाग ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है। चक्रवात का सही अनुमान नहीं हो पाने के बावजूद मौसम विभाग ने सावधानी वश मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी कर दी है।
मौसम विभाग का यह भी कहना है कि यह एक ग्रीष्मकालीन चक्रवात है। ग्रीष्मकालीन चक्रवातों के रास्ते का पूर्वानुमान लगाना बहुत कठिन है। यही कारण है कि इसका कम दबाव का क्षेत्र, इसकी गति और इसकी दिशा के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। फिर भी इस चक्रवात के ओडिशा तट को प्रभावित करने की सम्भावना है। महापात्रा ने कहा कि अप्रैल, मई और जून को ग्रीष्मकालीन चक्रवात का महीना माना जाता है, जबकि सितंबर, अक्टूबर और नवंबर मॉनसूनी चक्रवात महीने हैं।
चक्रवात का नाम होगा ‘मोचा’
आने वाले इस चक्रवात के नामकरण का जिम्मा क्रम के अनुसार यमन का है। यमन ने बंगाल की खाड़ी में संभावित चक्रवात का नाम ‘मोचा’ रखा है। यमन ने लाल सागर तट पर अपने एक बंदरगाह शहर ‘मोचा’ के नाम पर चक्रवात के इस नाम को सुझाया है।
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