Cyber Fraud in jharkhand : झारखंड में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आए दिन साइबर ठगी (Cyber Fraud) के यहां आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है जहां झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगाकर डेढ़ लाख रुपए की ठगी का सामने आया है. इसे लेकर वर्तमान में हाईकोर्ट में पदस्थापित सेंट्रल प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर राजीव कुमार सिन्हा ने डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. राजीव कुमार को ठगने के लिए ठगों ने झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगाकर उन्हें झांसे में लिया और डेढ़ लाख रूपये की ठगी कर ली। मामले में रांची के डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
यह है मामला
प्राथमिकी के अनुसार, 19 जुलाई की शाम राजीव कुमार के ऑफिस के नंबर पर कॉल आया। जिसमें मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगा था। इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त नंबर पर व्हाट्सएप कॉल किया, जिसे उठाया नहीं गया। उसके बाद तुरंत उसी नंबर से लगातार व्हाट्सएप पर मैसेज आने लगे। जिसमें कहा गया कि वह आवश्यक मीटिंग में काफी व्यस्त हैं फिर बाद में मैसेज के माध्यम से कॉल उठाने की बात कही गई। साथ ही उन्हें मैसेज भेजा यह भी कहा गया कि वे व्यस्त हैं। फिर अमेजॉन पर 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का एक मैसेज उन्हें मिला। इससे राजीव सिन्हा को लगा कि उक्त निर्देश मुख्य न्यायाधीश का ही है, इसलिए उन्होंने अमेजन पर दस हजार के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का आर्डर कर दिया। इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया। भुगतान के बाद आए सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने उक्त नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दी।
जब चेक किया तो नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला
जब दोबारा उसी नंबर से 10000- 10000 रूपये के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तो उन्हें संदेह हुआ। इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रू कॉलर से उक्त नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें उक्त नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त जानकारी एसएसपी रांची को दी। एसएसपी ने तुरंत साइबर सेल को डोरंडा थाना में एफआईआरदर्ज कराने का निर्देश दिया. डोरंडा थाना में उक्त नंबर के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में भादवि की धारा 419, 420 और आईटी एक्ट 66 सी और 66 डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
jharkhand में इस तरह के ठगी के मामले का सामने आना कोई नयी बात नहीं है। पिछले महीने पाकुड़ जिले के कलेक्टर वरुण रंजन की फेक व्हाट्सअप आईडी बना साइबर ठगों ने लोगों से उपहार और पैसों की मांग थी। वहीं जून में पाकुड़ के जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से उपयुक्त की तस्वीर लगी फर्जी आईडी बनाकर लोगों से ठगी किए जाने की कोशिश करने का मामला सामने आ चुका है।
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