न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
साइबर क्राइम देश के लिए ही नहीं, झारखंड के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। सब जानते हैं कि झारखंड में जामताड़ा साइबर क्राइम का हब बना हुआ है। जामताड़ा के साइबर गैंग्स से आम लोग तो परेशान हैं ही, उन पर नकेल लगाने वाली एंटी साइबर क्राइम टीम के भी पसीने छूटे रहते हैं। लेकिन अब इसके स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए झारखंड सरकार साइबर फाइटर्स की टीम नहीं, फौज खड़ी कर रही है। सरकार ने जो योजना बनायी है, उससे झारखंड के युवाओं न सिर्फ एक नया स्किल सीखने को मिलेगा, बल्कि लाखों युवाओं के रोजगार के रास्ते भी खुल जायेंगे। खबर है कि झारखंड सरकार ने राज्य में अगले तीन साल में एक लाख साइबर फाइटर तैयार करने का लक्ष्य सरकार तय किया है।
क्या है सरकार की योजना?
यह पहल झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी और साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन की है। इन संस्थान ने संयुक्त रूप से ऑनलाइन साइबर विद्यापीठ की शुरुआत की है। संस्थान साइबर क्राइम कंट्रोल की ट्रेनिंग युवाओं को देंगे। इसके बाद प्रशिक्षित युवा सरकार के लिए काम करेंगे। इन युवाओं के बल पर झारखंड में साइबर डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जायेगा। झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जेयूटी) ने वर्कशॉप आयोजित कर साइबर सिक्योरिटी की पूरी रूपरेखा और कार्ययोजना तैयार की है। जेयूटी ने बताया कि अगले तीन साल में तैयार किए जाने वाले एक लाख साइबर फाइटर्स साइबर डिफेंस कॉरिडोर के सबसे महत्वपूर्ण अंग होंगे। झारखंड में विनोबा भावे विश्वविद्यालय और साइबर विद्यापीठ में साइबर सिक्योरिटी स्किल के कोर्सेज शुरू किए जा रहे हैं।
करियर के रूप में विकसित होगी साइबर सुरक्षा
साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन का कहना है कि साइबर सुरक्षा कोर्स के तहत प्रशिक्षित युवकों के लिए करियर की बेहतरीन संभावनाएं लेकर आयेगा। दुनिया के कई हिस्सों में इस तरह की पहल की गयी है। यह अच्छी बात है कि झारखंड में भी इसकी शुरुआत हो गयी है। यानी आने वाले दिनों में झारखंड साइबर डिफेंस बिजनेस हब के रूप में भी विकसित होने जा रहा है।
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