बौद्धिक खोज को समाज में योगदान देने वाली बौद्धिक संपदा की ओर ले जाना चाहिए
CUJ foundation day: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (jharkhand central university) ने 3 मार्च 2023 को 15वां स्थापना दिवस (15th Foundation Day CUJ) मनाया। अध्यक्षीय भाषण देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि केवल अकादमिक विश्वसनीयता ही संस्थागत ब्रांड का निर्माण करेगी। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय को अपने अनुसंधान के माध्यम से समाज में बौद्धिक संपदा का योगदान करते रहना चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी को एक कुशल कार्य संस्कृति स्थापित करने और विश्वविद्यालय विकास के लिये लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत रहने के प्रति कर्मियों को प्रोत्साहित किया । प्रो. जे.एन. नायक (ओएसडी), रजिस्ट्रार, डॉ. एसएल हरिकुमार, डीन-अकादमिक मामले, प्रो. मनोज कुमार और डीन-आईक्यूएसी, आर.के. डे ने भी इस अवसर पर बात की और पिछले 14 वर्षों में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
प्रतियोगिता के विजेता हुए पुरस्कृत
स्थापना दिवस के अवसर पर इस वर्ष विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न खेल गतिविधियों, प्रतियोगिताओं और शैक्षणिक सफलता के लिए पुरस्कार वितरित किए गए। स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने खेल प्रतियोगिता में सबसे अधिक पुरस्कार जीते। इसके अलावा, स्कूल ऑफ एजुकेशन, स्कूल ऑफ लैंग्वेज, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंस और अन्य स्कूलों को विभिन्न श्रेणियों में विजेता के साथ-साथ उपविजेता का पुरस्कार मिला। विद्यार्थियों के अलावा शिक्षक एवं ग़ैर शैक्षणिक कर्मियों द्वारा भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया, विजेता कर्मियों को भी पुरस्कृत किया गया। विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय ने इस दिन को मनाने के लिए खेलकूद के अलावा कविता, निबंध, चित्रकला और फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार दिए हैं।
इन्हें किया गया पुरस्कृत
शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों के लिए पुरस्कार भी दिए गए। स्कूल ऑफ नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट के प्रो. ए.सी. पांडे, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डॉ. बासुदेव प्रधान, स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज के डॉ. रंजीत कुमार और स्कूल ऑफ सोशल साइंस एंड ह्यूमैनिटीज के डॉ. रवींद्रनाथ सरमा को उनकी असाधारण शोध गतिविधियों के लिए पुरस्कार मिला। विश्वविद्यालय के गैर शिक्षण कर्मचारियों को विश्वविद्यालय में उनके योगदान के लिए पुरस्कार भी दिए गए। इनके नाम हैं डॉ. अब्दुल हलीम, श्री महेंद्र रजवार और श्री कैलाश साहू। कार्यक्रम की तुलना डॉ. प्रज्ञान पुष्पांजलि एवं डॉ. जगदीश ने की। इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू, डॉ. रत्नेश विश्वकसेन, डीन आरएंडडी, डॉ. ए.के. पाढ़ी, संपदा अधिकारी, डॉ. मनोज कुमार, मुख्य प्रॉक्टर, डॉ. मयंक रंजन के साथ-साथ अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी वित्त अधिकारी डॉ. विमल किशोर ने किया। मनातु के साथ-साथ ब्राम्बे परिसर में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने में टीचिंग स्टाफ, नॉन टीचिंग स्टाफ, स्टूडेंट्स और स्कॉलर्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
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