न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
चीन समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 से हाहाकार मचा है। इस बीच खबर आयी कि BF.7 वेरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है। लेकिन एक खबर यह भी आ रही है कि BF.7 वेरिएंट तो भारत में सितम्बर में ही आ चुका है। लेकिन मोदी की सरकार के एक खास अभियान ने इसे देश में महामारी नहीं बनने दिया।
आपको याद होगा कि जब से भारत में कोरोना का प्रकोप बढ़ा तब से तमाम विपक्षी नेताओं और कुछ सेलेब्रिटीज ने भारत में चलाये गये कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पर सवाल उठाए थे। उनका विरोध भारतीय वैक्सीन को लेकर भी था, लेकिन इसी वैक्सीनशन अभियान ने कोरोना के सम्भावित खतरों पर लगाम लगाये रखी। मोदी सरकार ने दबाव में आए बिना देश में ही बनी वैक्सीन लोगों को दी। वैक्सीन मुफ्त में भी दी गई। दो डोज और फिर बूस्टर वैक्सीन डोज से कोरोना को थामने की कोशिश की गई। और आज जब चीन में कोरोना का प्रकोप बढ़ चुका है, तब मोदी सरकार द्वारा चलाये गये वैक्सीनेशन अभियान की अहमियत का अहसास हो रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि भारत में बनी कोरोना वैक्सीन चीन में दी गयी वैक्सीन के मुकाबले बेहतर साबित हुई। चीनी में कोरोना हाहाकार के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वा सरमा ने तो यहां तक कहा कि चीन में जो वैक्सीन दी गयी है, वह काफी कमजोर थी। इसके बाद भी भले ही विपक्ष को मोदी सरकार के वैक्सीनेशन अभियान की अहमियत का अहसास न हो, फिर भी इस वैक्सीनेशन अभियान ने बड़ा काम तो किया है।
सितम्बर में ही भारत आ पहुंचा था BF.7
केन्द्र सरकार ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार BF.7 वैरिएंट इस साल सितंबर यानी करीब 4 महीने पहले भारत में दाखिल हो चुका था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को बताया कि यह कोरोना वैरिएंट वडोदरा में एक एनआरआई महिला में मिला था। महिला अमेरिका से आई थी। उसके संपर्क में आए दो लोगों की भी जांच हुई थी। इन दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। मांडविया ने भी माना कि जबरदस्त वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज की वजह से कोरोना का BF.7 वैरिएंट भारत में फैलने नहीं सका। जबकि, चीन समेत अन्य देशों में वैक्सीनेशन के बावजूद तेजी से फैल रहा है।
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