कोरोना के मामले कई देशों में बड़ी तेजी के साथ बढ़े हैं। दुनिया में इस हफ्ते 33.76 लाख कोरोना के केस सामने आए। पिछले हफ्ते 29.22 लाख मामले सामने आए थे। इस हिसाब से देखा जाए तो 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना की रफ्तार कोई सामान्य नहीं है। स्पेन में तो कोरोना के मामलों ने डरा दिया है। यहां एक हफ्ते के भीतर ही कोरोना वायरस मामलों की संख्या में 64 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। वहीं नीदरलैंड में 300 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है। दक्षिण अफ्रीका में 50 फीसदी मामले बढ़े हैं। इंडोनेशिया, बांग्लादेश, थाईलैंड में एक ही बार में अचानक मामले तेजी से बढ़े हैं। भारत में मामले कम हुए हैं लेकिन अब इसके नीचे जाने की रफ्तार कम हो गई है.
तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा
भारत में भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के खत्म होते ही तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। देश के कई हिस्सों में कोविड-19 से जुड़े नियमों को ताक पर रख दिया गया है। हिल स्टेशंस से लेकर बाजारों में खासी भीड़ उमड़ रही है और सावधानियों का पालन भी नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि कि लोग तीसरी लहर से जुड़ी बातों को मौसम की अपडेट की तरह देख रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को इस पर बोलना पड़ा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कह दिया है कि तीसरी लहर बस आने ही वाली है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी दे दी है चेतावनी
लापरवाही की तस्वीरों और रिपोर्ट्स देखकर केंद्र सरकार की टेंशन बढ़ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय को भी चेतावनी देते हुए कहना पड़ा है कि ‘हम सबसे यह गुजारिश करेंगे कि जब हम तीसरी लहर की बात करते हैं तो हम इसे मौसम की अपडेट की तरह ले रहे हैं। हम इसकी गंभीरता और इससे जुड़ी जिम्मेदारियों का नहीं समझ रहे।’
पीएम मोदी को भी चिंता जतानी पड़ी
कई जगह कोविड-19 गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ती देख पीएम मोदी को भी भी चिंता जतानी पड़ी है . उन्होंने लोगों को कहा कि ‘बहुरूपिया’ कोरोना के हर वैरिएंट पर नजर रखनी होगी। हम अगर सावधानी से रहेंगे, तो तीसरी लहर को रोक पाएंगे। कोरोना की तीसरी लहर को आते हुए रोकना बड़ी बात है। इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है।’
कमजोर इम्युनिटी के लोग आसानी से थर्ड वेव की चपेट में आ सकते हैं
कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का यह भी एक कारण बन सकता है. कमजोर इम्युनिटी के लोग कोरोना की इस लहर में आसानी से चपेट में आ सकते हैं. दावा किया जा रह है कि कोरोना से लड़कर हासिल की गई इम्युनिटी को भी नया वेरिएंट कमजोर कर सकता है. अगर ऐसा हुआ कि कोरोना का नया वेरिएंट इम्युनिटी को दरकिनार किया गया तो बेहद तेजी से यह संक्रमण और फैल सकता है.
झारखंड भी है अलर्ट, CM की निगरानी में चल रही तीसरी लहर से निपटने की तैयारी
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर झारखंड सरकार भी अलर्ट है। वैश्विक महामारी कोविड 19 की दूसरी लहर ने हमारे स्वास्थ्य ढांचा की पोल खोलने खोल कर रख दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की निगरानी में इसे रोकने की तैयारी चल रही है। उनके निर्देश पर सरकारी अस्पतालों में बच्चों के अनुकूल वार्ड और पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) स्थापित किए जा रहे हैं। दरअसल, चिकित्सकों, विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को आशंका है कि तीसरी लहर बच्चों को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। इसे देखते हुए राज्य के सभी जिलों में बच्चों के इलाज के लिए इंटेंसिव केयर यूनिट तैयार किए जा रहे हैं.
बनाए जा रहे चाइल्ड फ्रैंडली वार्ड
वैश्विक महामारी कोविड 19 की दूसरी लहर ने हमारे स्वास्थ्य ढांचा की पोल खोलने खोल कर रख दी है। आक्सीजन प्लांट सहित अन्य आधारभूत संरचनाओं एवं उपकरणों की कमी के कारण लोगों को सही ढंग से इलाज मुहैया नहीं हो पाया। इस कारण कई लोगों की जान चली गई। अब विशेषज्ञों द्वारा कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बड़ों की अपेक्षा बच्चों के संक्रमित होने की संभावना जाहिर की जा रही है। ऐसे में समय रहते स्वास्थ्य ढांचा को दुरूस्त करने की कवायद में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। इस क्रम में मेडिकल कालेज अस्पताल में बच्चों के लिए नए वार्ड बनाए जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में चाइल्ड फ्रैंडली पीडियाट्रिक वार्ड बनाए गए हैं। वार्डों में कार्टून की पेंटिंग की गई है। उपयोग किए जाने वाले पर्दे, चादरें और कवर रंगीन और आकर्षक रूप से तैयार किए गए हैं। इनके अलावा वार्ड में टेलीविजन सेट भी लगाए गए हैं, ताकि बच्चों को घर से बाहर होने का अहसास न हो। अस्पतालों के आंगन और वार्डों के गलियारे को बच्चों की चहलकदमी लायक बनाया जा रहा है। कई स्टोरी बुक और अन्य शिक्षण सामग्री के साथ बुकशेल्फ भी स्थापित किए गए हैं।
हम खुद को पहले से तैयार कर रहे -CM
इस मसले पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी कह दिया है कि ‘राज्य सरकार लोगों और बच्चों के लिए हरसंभव स्वास्थ्य सुविधा तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। संभावित तीसरी लहर के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सरकार खुद को पहले से तैयार कर रही है। हमने दूसरी लहर के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। दूसरी लहर हमारे लिए एक सबक थी, जिसने हमें अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में खामियों को खोजने में मदद की। इस बार हम खुद को पहले से तैयार कर रहे हैं।’
टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करना चुनौती
देश में कोरोना टीकाकरण अभियान को शुरू हुए आज छह महीने हो गए हैं। सरकार का कहना है कि देश में हर वयस्क नागरिक का टीकाकरण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। फिलहाल आज की जो स्थिति है उस हिसाब से इस लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल लग रहा है। इन 6 महीनों में कुल 40 करोड़ के करीब डोज लगाई गई है। इसमें कोरोना की पहली और दूसरी दोनों डोज शामिल हैं। बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल अभी चल रहा है।
हालात अब ऐसे बन गए हैं कि लोगों को एक-दूसरे के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि तीसरी लहर भारत से न टकराए।अगली लहर आने पर बहुत ज्यादा मामले सामने आएंगे। दुनिया में तीसरी वेव दिखाई दे रही है, हमारे देश में तीसरी वेव ना आए, इसके लिए हम सब को जुड़ना है।
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