Bihar: राजद के पतीले में ही गलेगी कांग्रेस की दाल! कांग्रेस को भी तेजस्वी यादव गठबंधन नेता स्वीकार!

बिहार में भले ही विधानसभा चुनाव में अभी थोड़ा वक्त है, लेकिन यहां राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो चुकी है। भाजपा ने यह लगभग तय कर लिया है कि बिहार में एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी, उसके बाद राजद के नेतृत्व में विपक्षी कुनबा एकजुट होने लगा है। गुरुवार को हुई महागठबंधन विधायक दल की एक बैठक भी हुई जिसमें रणनीति तय की गयी कि विपक्ष के सभी घटक दल के नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे और सभी ने एक स्वर से तेजस्वी यादव के नेतृत्व चुनाव लड़ना स्वीकार कर लिया। यानी दूसरे राज्यों की तरह कांग्रेस यहां भी दोयम दर्जे की पार्टी के रूप में गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ने वाली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक विजय शंकर दुबे ने भी तेजस्वी को महागठबंधन का नेता बताया जाना इस बात का प्रमाण है।

खैर, विपक्षी गठबंधन ने एनडीए का मुकाबला करने के लिए कमर कस ली है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जो पिछले कुछ समय से एनडीए सरकार पर लगातार हमलावर हैं, गठबंधन दलों की बैठक के बाद कहा कि बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, छात्र-युवा, किसान या महिलाओं का मामला हो, सभी को सदन में उठाना होगा। इन मुद्दों पर रणनीति बनाने के लिए महागठबंधन में शामिल सभी दलों के विधायकों की संयुक्त बैठक बुलाई गयी थी।

तेजस्वी यादव ने विधायकों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे ऐसा कोई बयान न दें जिससे महागठबंधन में विरोधाभास पैदा हो। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर एनडीए से लड़ना है। उन्होंने विधायकों को जनता के बीच अधिक समय बिताने और महागठबंधन की मौजूदा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि नई सीटें जीतकर बिहार में सरकार बनाई जाएगी।

बिहार में भी कांग्रेस बेचारी?

अभी कुछ समय पहले तय यही लग रहा था कि राजद कांग्रेस के बिना ही बिहार में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, लेकिन गुरुवार की बैठक के बाद यह तय हो गया है कि गठबंधन में कांग्रेस के लिए भी जगह है। कांग्रेस अब ऐसी पार्टी बन गयी है जिसे किसी भी राज्य में जगह बनाने के लिए दूसरी पार्टियों के साथ जगह बनानी पड़ रही है। कुछ राज्यों में तो उसकी दूसरी पार्टियों में इंट्री भी बंद है। इस लिहाज से बिहार में कांग्रेस को राजद के साथ गठबंधन में जगह मिल जाना बहुत बड़ी बात है। लेकिन देखना यह है कि उसे सीटें कितनी मिल पाती हैं। क्योंकि बिहार में राजद सीटों के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा, यह तो तय है। लोकसभा चुनाव में इसे देखा भी जा चुका है।

खैर, कांग्रेस ने बिहार में तेजस्वी यादव को गठबंधन का चेहरा स्वीकार कर लिया है। 2025 में महागठबंधन के चेहरे के सवाल पर कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे ने कहा भी कि यह फैसला उनकी पार्टी का हाईकमान करता है। महागठबंधन के नेता आपस में बात करेंगे। गठबंधन में यह नियम रहा है कि गठबंधन के बड़े दल का नेता ही मुख्यमंत्री बनता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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