मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल मेमोरियल में कांग्रेस की विस्तारित CWC की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, CPP चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी जी, नेता विपक्ष राहुल गांधी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल, कई अन्य वरिष्ठ नेता तथा कांग्रेस CWC के सदस्य मौजूद रहे।
8 और 9 अप्रैल को कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन हो रहा है। पार्टी का यह 84वां अधिवेशन है, जो 64 वर्ष के बाद गुजरात में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस का 1961 के भावनगर में यह अधिवेशन आयोजित किया गया था।
कांग्रेस के अधिवेशन से एक दिन पहले मंगलवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कार्य समिति (CWC) ने भविष्य की रूपरेखा, जिला कांग्रेस कमेटियों (DCC) को सशक्त बनाने समेत संगठन की मजबूती, जवाबदेही तय करने और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर मंथन किया। विस्तारित कार्य समिति की इस बैठक में अधिवेशन से संबंधित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 140 सालों से देश में सेवा और संघर्ष के गौरवशाली इतिहास वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है। ये काम वह लोग कर रहे हैं, जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने और आजादी को लड़ाई में अपना योगदान बताने को कुछ भी नहीं है। वह सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों को ऐसा दिखाने का षडयंत्र करते हैं, जैसे दोनों नायक एक दूसरे के खिलाफ थे। जबकि सच्चाई ये है कि वो एक सिक्के के दो पहलू थे। तमाम घटनाएं और दस्तावेज इनके मधुर संबंधों की गवाह हैं।
खड़गे ने 1937 में गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल के एक भाषण का ख़ास जिक्र कर बताया कि उस दौरान नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष थे। गुजरात के नौजवान चाहते थे कि प्रांतीय चुनाव में प्रचार के लिए नेहरू को बुलाया जाये। सरदार पटेल ने 7 मार्च 1937 को कहा कि जिस दिन गुजरात इस चुनाव आंदोलन में विजयी बन कर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित कर देगा, उस दिन हम कांग्रेस अध्यक्ष नेहरू का फूलों से स्वागत के साथ ही दिल से उनकी आगवानी करेंगे। 14 अक्तूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरू के अभिनंदन ग्रंथ में कहा था कि पिछले दो कठिन सालों में नेहरू ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वो मुझसे अधिक अच्छी तरह कोई नहीं जानता है। मैंने इस दौरान उनको भारी भरकम उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढे होते देखा है।
बता दें कि कांग्रेस का यह दो दिवसीय अधिवेशन पूरे देश में अपनी राजनीति स्थिति को सुधारने के साथ गुजरात में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए ही यहां आयोजित किया गया है। इस अधिवेशन मे पार्टी अपनी राजनीतिक रणनीति पर चर्चा तो करेगी ही, साथ ही कार्य जिला कांग्रेस कमेटियों (DCC) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।आज की बैठक में कार्य समिति के अन्य सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यों के कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए।
न्यूज डेस्क/समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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