Congress Protest: कांग्रेस (congress) ने महंगाई (inflation) और दैनिक उपयोग के सामानों की बढ़ती कीमतों को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन (Congress Protest) की शुरुआत शुक्रवार यानी आज राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से हुई. राहुल गांधी ने कहा, आज देश में लोकतंत्र नहीं है. सिर्फ तानाशाही है. हम महंगाई का मुद्दा उठाते हैं. हमें संसद में बोलने नहीं दिया जाता. बाहर प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार कर लिया जाता है. राहुल गांधी ने कहा, 70 साल में देश बना, लेकिन 8 साल में इसे खत्म कर दिया. चाहें बेरोजगारी, हिंसा और महंगाई का मुद्दा हो, सरकार का सिर्फ यही एजेंडा है, कि इन मुद्दों का न उठाया जाए.
ED की कार्रवाई से भड़की है कांग्रेस!
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की है. राहुल गांधी से भी ईडी लंबी पूछताछ कर चुकी है. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की और दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस में यंग इंडियन के कार्यालय को सील कर दिया. इस कार्रवाई से कांग्रेस भड़क गई है. राहुल गांधी ने इस दौरान तो यहां तक कह दिया है कि हम प्रधानमंत्री से डरने वाले नहीं हैं. उन्हें जो करना है वो कर लें. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. इससे साफ़ जाहिर होता है कि कांग्रेस ED की कार्रवाई से भड़की हुई है.

क्या हैं इस राजनीतिक पैंतरे के मायने
महंगाई न सिर्फ आम आदमी के जीवन से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है, बल्कि वह देश की विकास दर और व्यापक आर्थिक ढांचे को भी प्रभावित कर रही है. देश में महंगाई की मार से जनता का हाल-बेहाल है. भले ही सरकार भारत में कीमतें कम होने का दावा कर रही हो. लेकिन या सच है कि बीते एक साल में खाने से लेकर ईंधन तक की कीमतों में आई तेजी ने लोगों की जेब का खर्च बढ़ा दिया है. आटा, दूध, दालों की कीमतें या फिर खाने के तेल या पेट्रोल-डीजल के दाम सालभर में बड़ा अंतर आया है. इसलिए देखा जाए तो महंगाई का कांग्रेस के खिलाफ यह विरोध जायज है. लेकिन कांग्रेस के इस विरोध और उसके राजनीतिक पैंतरे के मायने यह निकाले जा रहे हैं कि कांग्रेस राहुल और सोनिया गांधी से ED के द्वारा पूछताछ का खुन्नस निकाल रही है. कांग्रेस को शायद यह लग रहा है कि उसके पास सरकार को घेरने के लिए जन सरोकार से जुड़ा इससे अच्छा कोई मुद्दा नहीं हो सकता. इस विरोध के माध्यम से कांग्रेस को लगता है कि सरकार पर दबाव बनाने में वह सफल हो सकती है और अगर ऐसा हुआ तो उसके दोनों हित सध जाएंगे.
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