मार्च पास्ट में भारतीय दल की ध्वजवाहक होंगी पीवी सिंधु
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
भारतीय समयानुसार रात 11.30 बजे Commonwealth Games 2022 का बर्मिंघम में आगाज हो रहा है। स्टार भाला फेंक नीरज चोपड़ा की अनुपस्थिति के कारण स्टार शटलर पीवी सिंधु राष्ट्रमंडल गेम्स के उद्घाटन समारोह में भारतीय टीम की ध्वजवाहक होंगी। चोटिल हो जाने की वजह से नीरज चोपड़ा ने राष्ट्रमंडल खेलों से अपना नाम वापस ले लिया था। अन्यथा आज से शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों के ध्वजवाहक वही होते। टीम इंडिया की ध्वजवाहक की दावेदार भारोत्तोलक मीराबाई चानू और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन भी थीं, लेकिन रियो 2016 ओलंपिक और टोक्यो 2020 ओलंपिक में मेडल जीतने वाली सिंधु को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने प्राथमिकता दी।
बता दें, राष्ट्रमंडल खेलों का शुभारंभ आज रात भारतीय समयानुसार 1130 बजे बर्मिंघम एलेक्जेंडर स्टेडियम में हो रहा है। इसमें 72 देशों के 5000 से अधिक एथलीट 20 विभिन्न खेल स्पर्धाओं में पदक के लिए उतरेंगे। इंग्लैंड तीसरी बार इन खेलों की मेजबानी कर रहा है। इंगलैंड के शहर बर्मिंघम में पहली बार इन खेलों का आयोजन हो रहा है। बर्मिंघम से पहले 1934 में लंदन और 2002 में मैनचेस्टर में राष्ट्रमंडल खेल हो चुके हैं। इस 22वें आयोजन में भारत 18वीं भाग ले रहा है। भारत ने 1930, 1950, 1962 और 1986 में इन खेलों में हिस्सा नहीं लिया था।
भारतीय टीम कितनी खरी, लायेगी कितना सोना?
बेशक नीरज चोपड़ा भारतीय दल में शामिल नहीं हैं। जिनसे भारत को निश्चित पदक की उम्मीद थी, फिर भी इस समय भारत में कई खिलाड़ी हैं जो देश के लिए पदकों की उम्मीद जगा रहे हैं। बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत, पहलवान रवि दहिया, बजरंग पूनिया, मुक्केबाज लवलीन बोर्गोहेन, निकहत जरीन और वेटलिफ्टर मीराबाई चानू सहित कई एथलीटों से स्वर्ण पदक की उम्मीद देश कर रहा है।
भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
2010 राष्ट्रमण्डल खेल उन्नीसवें राष्ट्रमंडल खेल जिनका आयोजन नई दिल्ली में में हुआ था, भारत के प्रदर्शन के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ है। इन खेलों में भारत ने 38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य के साथ कुल 101 पदक हासिल किया थे। उसके बाद के हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 2014 में 64 और 2018 में 66 पदक हासिल किये थे। लेकिन पिछले दिनों भारतीय एथलीटों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जो पहचान बनायी है, उससे पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मींद तो है, लेकिन क्या भारत 2010 के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहरा पायेगा।
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