आम बजट 2025 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश से आयात होने वाली वस्तुओं पर सीमा शुक्ल घटाकर आम उपभोक्ता को फायदा पहुंचाने की कोशिश की। सीमा शुल्क घटने से आने वाले दिनों में बाजार में कई वस्तुओं की कीमतों मे इसका असर दिखने लगेगा। तो आइये देखते हैं कि वित्तमंत्री ने किन-किन वस्तुओं पर उपभोक्ताओं को क्या राहत मिलने वाली है।
घरेलू विनिर्माण और मूल्य वर्धन को सहायता
महत्वपूर्ण खनिज
- कोबाल्ट पाउडर और लिथियम आयन बैट्री के अवशिष्ट, लेड, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
वस्त्र
- घरेलू तकनीकी वस्त्र उत्पादों को बढ़ावा
- दो अन्य प्रकार के शटल-रहित करघों वाली टेक्सटाइल मशीनरी सीमा शुल्क से मुक्त
- बुने हुए वस्त्रों पर 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क को संशोधित कर 20 प्रतिशत अथवा 115 रुपये प्रति किलोग्राम में जो भी अधिक हो करने का प्रस्ताव
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं
- इन्टेरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बुनियादी सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया
- ओपेन सेल्स और अन्य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
- ओपेन सेल्स के अन्य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
लिथियम आयन बैट्री
- इलेक्ट्रिक वाहनों के बैट्री के विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन बैट्री विनिर्माण हेतु 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं पर छूट
पोत परिवहन क्षेत्र
- पोत निर्माण में कच्चे माल, घटकों, उपभोज्यों अथवा पुर्जों पर अगले दस वर्षों तक बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
- पुराने पोतों के लिए भी ऐसी ही छूट
दूरसंचार
- कैरियर ग्रेड इथरनेट स्वीच पर बुनियादी सीमा शुल्क 20 प्रतिशत से 10 प्रतिशत पर लाया गया
निर्यात संवर्धन
हस्तशिल्प वस्तुएं
- हस्तशिल्प की निर्यात अवधि 6 महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई, आवश्यकता पड़ने पर आगे तीन महीनों के लिए और बढ़ाई जा सकती है
- शुल्क मुक्त वस्तुओं की सूची में नौ और वस्तुएं शामिल की गईं
चमड़े की वस्तुएं
- वेट ब्लू लेदर पर बुनियादी सीमा शुल्क में पूर्ण छूट
- क्रश लेदर को 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क से छूट
समुद्री उत्पाद
- फ्रोजन फिश पेस्ट (सुरीमी) और ऐसे ही उत्पादों के निर्यात पर बुनियादी सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
- मछली और झींगा के आहार बनाने के लिए फिश हाइड्रोलीसेट पर बुनियादी सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
रेल वस्तुओं के लिए घरेलू एमआरओ
- रेल वस्तुओं के लिए घरेलू एमआरओ में वायुयानों और जलपोतों के मरम्मत के लिए आयातित एमआरओ के समान ही छूट का लाभ प्रदान किया जाएगा
- ऐसी वस्तुओं के निर्यात की समय-सीमा छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई जिसे आगे एक वर्ष और बढ़ाई जा सकती है
व्यापार सुविधा
प्रोविजनल कर निर्धारण की समय-सीमा
- व्यवसाय प्रोविजनल कर निर्धारण को अंतिम रूप देने के लिए दो वर्ष की समय-सीमा तय करने का प्रस्ताव जिसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है
स्वैच्छिक अनुपालन
- आयातक या निर्यातक की सुविधा के लिए माल की मंजूरी के बाद स्वेच्छा से महत्वपूर्ण तथ्यों की घोषणा कर सकते हैं और जुर्माने के बिना ब्याज सहित शुल्क का भुगतान कर सकते हैं
अंतिम उपयोग की समय-सीमा बढ़ाई गई
- आयातित वस्तुओं के अंतिम उपयोग की समय-सीमा 6 महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई
- ऐसे आयातकों को मासिक विवरण की बजाय केवल तिमाही विवरण दाखिल करना होगा
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: बजट 2025 में विकास के तीसरे इंजन के रूप में निवेश, देखिए वित्तमंत्री ने क्या-क्या की घोषणाएं