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उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों की पल-पल की खबर ले रहे उत्तराखंड और झारखंड के सीएम

CM of Uttarakhand, Jharkhand taking news of workers trapped in Silkyara Tunnel

रेस्क्यू टीम नॉर्वे और थाईलैंड के विशेषज्ञ टीमों की ले रही है मदद

उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में टनल में फंसे 40 श्रमिकों को बचाने के लिए रेस्क्यू का काम लगातार जारी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। बता दें की सिलक्यारा टनल में झारखंड के भी 15 मजदूर फंसे हुए हैं। अब जो जानकारी आ रही है, उसके अनुसार जैसे-जैसे समय बीत रहा है, अंदर फंसे मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही है। फिर भी कमिश्नर गढ़वाल और आईजी गढ़वाल सिल्क्यारा में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर अपनी नजरें जमाये हुए हैं।  उल्लेखनीय है कि सिल्क्यारा पोलगांव निर्माणाधीन रोड टनल में ये मजदूर गत रविवार को भूस्खलन की घटना के बाद से फंसे हुए हैं।

रेस्क्यू में लगी आंगर मशीन हुई खराब, तीन विशेष विमानों में आयी मशीन

सिल्क्यारा टनल में राहत एवं बचाव के लिए कार्यरत आंगर मशीन मंगलवार को खराब हो गई, जिससे कारण बचाव कार्य रोकना पड़ा। इसके बाद हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन को दो पार्ट में दिल्ली से भारतीय सेना के तीन विशेष हरक्यूलस मालवाहक विमान से पहुंचाया गया। इसके बाद बुधवार को फिर से रेस्क्यू कार्य चालू हो सका। जैसे-जैसे समय बढ़ रहा है वैसे-वैसे सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध टूट रहा है। स्थानीय लोगों ने बुधवार को सिलक्यारा टनल के पास हंगामा किया। मशीन खराब होने और राहत कार्य रोके जाने के बाद स्थानीय मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा था और उन्होंने दुर्घटना स्थल पर खूब बवाल किया। बता दें कि रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की रेस्क्यू कंपनी भी लगी हुई है। थाईलैंड की टीम ने गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था। नॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है, जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके।

झारखंड आपदा की तीन सदस्यीय टीम मौके पर

उतराखंड के उत्तरकाशी में हुई दुर्घटना में फंसे मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए झारखंड आपदा की एक तीन सदस्यीय  टीम पहुंची है। जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में गई टीम ने उत्तराखंड के अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी ली। वहीं श्रमिकों के परिजनों से संपर्क किया गया तथा परिवार से श्रमिकों का सत्यापन किया गया l अब तक 9  श्रमिकों (2 गिरिडीह, 3 खूंटी, 3 राँची, 1 पश्चिमी सिंहभूम) के परिवारों से बातचीत कर पुष्टि हुई है।   मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष का 5 व्हाट्सएप फोन नंबर एवं 1 टोल फ्री नंबर जारी किया गया है।

श्रम विभाग, झारखण्ड के प्रतिनिधियों की एक टीम निर्माणाधीन सुरंग में फंसे झारखण्ड श्रमिकों की स्थिति का जायजा लेने हेतु उत्तरकाशी पहुंच चुकी है, भुवनेश प्रताप सिंह ने  बताया कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। अधिकारियों एवं परिजनों ने श्रमिकों से पाइप के जरिए बात भी की है और श्रमिकों ने अपने सुरक्षित होने की बात बताई है। प्रतिनिधियों ने गिरिडीह जिला के बिरनी प्रखंड गिरीडीह के विश्वजीत कुमार वर्मा व सुबोध कुमार वर्मा से बातचीत किया व सभी झारखण्ड के 15 श्रमिक सुरक्षित पाए गए हैं lसभी श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर झारखण्ड वापस लाया जाएगा l

आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी, उत्तराखंड ने बताया कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और रेस्क्यू का कार्य अभी भी चल रहा है l सुरंग में फंसे श्रमिकों को पाईप के माध्यम से खाना और ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है और श्रमिकों को कल तक पाइप के माध्यम से निकाल लिया जाएगा। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष सभी श्रमिकों के परिवार से संपर्क करने का प्रयास कर रही है। उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों की जानकारी के लिए  जेएलसी राजेश प्रसाद और प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा से क्रमशः 9431344109 एवं 9431160414 पर संपर्क किया जा सकता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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