Ranchi: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा है कि नियोजन नीति (employment policy) रद्द कराने में उत्तर प्रदेश और बिहार (people of up bihar) के लोग शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक आदिवासी को आगे बढ़ा कर नियोजन नीति को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई, जबकि उसके पीछे उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग शामिल थे. उन्होंने कहा कि यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि हमारी सरकार ने तत्कालीन रघुवर सरकार की नियोजन नीति को रद्द किया है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में अबतक तीन बार नियोजन नीति रद्द हो चुकी है. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यपालिका की ओर से कैसी नीतियां बनाई जा रही है जो हाई कोर्ट में खारिज हो जा रही हैं.
भाजपा पर कसा तंज
वहीं प्रतिनिधिमंडल में भाजपा (BJP) के विधायकों के शामिल नहीं होने पर मुख्यमंत्री (CM Hemant Soren) ने कहा कि राज्यपाल (Ramesh Bais) से मुलाकात के लिए 3:30 बजे का समय मिला है. इसके लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने को लेकर 19 दिसंबर को ही कार्य मंत्रणा में चर्चा भी हुई थी. इस पर भाजपा की तरफ से सहमति भी दी गई थी लेकिन, रात भर में ऐसा क्या हो गया कि प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के लोग शामिल नहीं हो रहे हैं.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं होने को लेकर भाजपा ने यह कहते हुए जवाब दिया है कि राज्य सरकार द्वारा पारित 1932 के खतियान का मामला जनता के साथ सीधा छलावा है। केंद्र काे भेजने के लिए किसी प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया। यह जनभावना का घाेटाला है।
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