नई दिल्लीः द्रमुक प्रायोजित अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि विपक्षी एकता एसटी, एससी, अल्पसंख्यकों, ओबीसी और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन के मौके पर देश के तमाम विपक्षी दलों के शीर्ष नेता इस कांफ्रेंस में शामिल हुए. राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने मौजूदा मोदी सरकार की जमकर आलोचना की. सीएम सोरेन ने कहा कि देश ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं और हम अभी भी सामाजिक न्याय के बारे में चिंतित हैं. ऐसे समय में जिसे अमृत काल और विश्व गुरु जैसे वाक्यांशों का उपयोग किया जा रहा है और कहा जा रहा है, हम सामाजिक न्याय की मांग कर रहे हैं। देश का लोकतंत्र खतरे में है।उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है.
‘हम आज भी सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं’
इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं, लेकिन हम आज भी सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं. एक तरफ देश को अमृतकाल और विश्वगुरू कहा जा रहा है. फिर भी हम सामािक न्याय मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीति और फैसलों की वजह से लोकतंत्र खतरे में हैं. सभी वर्गों के हक की रक्षा के लिए हमें एक मंच पर आकर संघर्ष करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि जब में सामाजिक न्याय की लड़ाई को देखता हूं तो मुझे पिता शिबू सोरेन के संघर्ष की याद आ जाती है. उन्होंने कहा कि आज हम अपने आपको अंग्रेजों के काल की जगह खड़े देख रहे हैं, जहां हमारे पूर्वजों ने संघर्ष की शुरुआत की थी. ठीक उसी तरह आज अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति आगामी पीढ़ी के लिए चिंता बढ़ाती है. देश की अर्थव्यवस्था की हालत बदतर होती जा रही है. देश के हर वर्ग को पीछे ढकेला जा रहा है. रोजगार मिल नहीं रहे हैं.हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है, लेकिन वर्तमान में यहां के किसानों की हालत काफी दयनीय है. देश के किसान अपने हक के लिए दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. उनके साथ क्या हुआ, इसे पूरे देश ने देखा.
‘देश में आज फूट डालो और राज करो की स्थिति’
उन्होंने कहा कि देश में फूट डालो राज करो की स्थिति बन गई है जो चिंता का विषय है. आज देश में ‘मैं काम नहीं करूंगा, मैं तुम्हें काम नहीं करने दूंगा’ की राजनीति हो रही है. देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. सोरेन ने कहा कि देश में किसान, मजदूर, शिक्षित युवा अपने अधिकारों से वंचित हैं, निश्चित रूप से यह देश को पीछे ले जाने का संकेत है. उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे और बैंक जैसी संस्थाओं को निजी हाथों में दिया जा रहा है.
‘पिछली सरकार ने ओबीसी रिजर्वेशन को घटाने का काम किया’
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि झारखंड में पिछली सरकार ने बड़ी चतुराई से ओबीसी रिजर्वेशन को घटाने का काम किया था. राज्य में हमारी सरकार बनते ही हमने आरक्षण नियमावली में कुछ बदलाव करते हुए ओबीसी आरक्षण को 27% करने हेतु नौवीं अनुसूची में जोड़ने का प्रस्ताव भेजा, लेकिन उस प्रस्ताव को झारखंड के तत्कालीन माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा वापस कर दिया गया.
उपलब्धियां गिनाईं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज हमारी सरकार झारखंड में यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू की है. यहां के एसटी/एससी सहित सभी समुदायों के बच्चों को विदेशों में पढ़ाई करने के लिए एक 100% छात्रवृति दी जा रही है. आज हम झारखंड के छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग, मेडिकल, जुडिशल, पत्रकारिता आदि की पढ़ाई करने के लिए भी शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रहे हैं. झारखंड में स्थापित इंडस्ट्रीज और अन्य निजी संस्थानों में भी 75% नौकरी झारखंड के लोगों को मिले इसके लिए भी नियम बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब कभी सोशल जस्टिस की बात आती है तो सबसे पहले गरीब, वंचित, शोषित का चेहरा सामने आता है.
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