न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
दुनियाभर अभी 5जी पर काम कर रही है, लेकिन चीन ने सबको पछाड़ कर 6जी टेक्नोलॉजी तैयार कर ली है। हालांकि यह अभी चीनी रिसर्चर्स की ओर से किया जाने वाला दावा है। चीन के इस दावे की खबर ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने छापी है।
चीन ने दावा किया है कि नयी तकनीक से डेटा स्ट्रीमिंग स्पीड अप्रत्याशित रूप से बढ़ जायेगी। चीनी रिसर्चर्स ने वोरटेक्स मिलीमीटर वेव्स के इस्तेमाल से एक सेकेंड में एक टेराबाइट डेटा एक किमी तक भेजने का दावा किया है। चीनी वैज्ञानिकों ने ऐलान किया है कि उन्होंने 6G तकनीक बनायी है जो 5G से कम से कम 100 गुना तेज है।
विंटर ओलंपिक में इस्तेमाल
‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि वोरटेक्स मिलीमीटर वेव्स एक तरह की हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो वेव होती है, जो तेजी से स्पिन होती है। सिंघुआ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर झांग चाओ के नेतृत्व में काम कर रही टीम ने 9 फरवरी को एक बयान जारी किया था जिसमें उसने कहा था कि पिछले महीने बीजिंग विंटर ओलंपिक कंपाउंड में स्थापित एक्सपेरिमेंटल वायरलेस कम्युनिकेशन लाइन एक साथ 10,000 से अधिक हाई-डेफिनिशन लाइव वीडियो फीड स्ट्रीम करेगी।
हाइपरसोनिक हथियार में इस्तेमाल
चीनी दावे के अनुसार के 6जी टोक्नोलॉजी का इस्तेमाल हाइपरसोनिक हथियार के लिए टारगेट का पता लगाने में किया जायेगा। चीनी रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर देखा जाता है कि ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक की रफ्तार वाली हाइपरसोनिक मिसाइल पर नेटवर्क की स्पीड का असर पड़ता है। कई बार नेटवर्क की वजह से ब्लैकआउट का सामना करना पड़ता है। चीन ने कई मौकों पर संकेत दिये थे कि वह युद्ध स्तर पर भविष्य की 6जी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है।
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