झारखंड और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने की जाति जनगणना की वकालत, आरक्षण सीमा हटाने की मांग

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जाति जनगणना कराये जाने की वकालत की है। इसके साथ दोनों मुख्यमंत्रियों ने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने की भी मांग उठायी है। इसका समर्थन अन्य राजनीतिक दलों और उसके नेताओं ने भी की है।

मंगलवार को अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ के तीसरे संस्करण के सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अपनी बात रखी है। स्टालिन ने महिला आरक्षण विधेयक को जनगणना और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन से जोड़ने और 2029 के बाद तक इसके क्रियान्वयन में देरी करने के लिए भाजपा की आलोचना की।

वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेन सोरेन ने भी जाति जनगणना, 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा हटाने और महिला आरक्षण विधेयक पर अपनी बात कहते हुए कहा कि हमें सार्वजनिक सेवा में अधिकारियों के लैटरल एंट्री जैसे डिजाइन का विरोध करना चाहिए। संघर्ष की यह भावना हर कोने या इसमें शामिल लोगों तक पहुंचनी चाहिए। मुलायम सिंह यादव और एम. करुणानिधि जैसे नेताओं को लोगों को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करना पड़ा।यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।

इन नेताओं ने भी रखी अपनी बात

सांसद और विदुथलाई चिरुथिगल काची के अध्यक्ष थोल थिरुमावलवन, डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि, तृणमूल कांग्रेस सांसद मोहिमा मोइत्रा, फौजिया तहसीन शमद खान, सांसद, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) सहित कई नेता शामिल इन नेताओं ने भी अपनी बात रखी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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