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Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का खुलासा, कौन हैं सिंडिकेट के सरगना

image source : social media

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई में बड़ा खुलासा हुआ है। ED का दावा है कि IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर अवैध रूप से शराब सिंडिकेट चला रहे थे। दोनों उस सिंडिकेट के सरगना थे। जांच में यह भी पता चला है कि 2019 से 2022 तक, राज्य में कुल शराब बिक्री में करीब 30 से 40 प्रतिशत अवैध रूप से की गई। भ्रष्टावार (Chhattisgarh Liquor Scam) की रकम का इस्तेमाल चुनाव में प्रचार में किया गया। शराब कारोबारी अनवर ढेबर को ईडी ने एक दिन पहले ही गिरफ्तार कर चार दिन की रिमांड पर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर शराब घोटाले (Liquor Scam) का खुलासा किया है. ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने अनवर को चार दिन की रिमांड पर भेज दिया है. ईडी ने दावा किया है कि उसे इस मामले (Chhattisgarh Liquor Scam) में ‘अभूतपूर्व भ्रष्टाचार’ और 2000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. जांच एजेंसी ने कहा कि यह काला कारोबार राज्य में शीर्ष राजनेताओं और नौकरशाहों की मदद से चलाया जा रहा था.

ईडी ने अनवर ढेबर शनिवार को गिरफ्तार किया था 

ईडी ने अनवर ढेबर को शनिवार को रायपुर की एक होटल से गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी की भनक लगते ही अनवर होटल के पिछले दरवाजे से फरार होने की कोशिश कर रहा था. ईडी ने आरोप लगाया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी अनिल टुटेजा शराब कारोबारी अनवर ढेबर के साथ छत्तीसगढ़ में अवैध शराब (Chhattisgarh Liquor Scam) सिंडिकेट के ‘सरगना’ हैं और भ्रष्टाचार से अर्जित रकम का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में भी किया गया. ईडी ने दावा किया कि उसकी जांच में यह भी सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में बिकी कुल शराब में से 30 से 40 फीसदी शराब ‘अवैध’ थी.

2000 करोड़ से अधिक भ्रष्टाचार की राशि एकत्र की

रायपुर की विशेष कोर्ट में दायर किए गए आवेदन में ईडी ने कहा है कि, राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों के सिंडिकेट ने बड़े पैमाने पर शराब घोटाला किया है। इस भ्रष्टाचार से उन्होंने दो हजार करोड़ रुपये से अधिक धन अर्जित किया है। कारोबारी अनवर ढेबर कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं। जबकि 2003 बैच के आईएएस अनिल टुटेजा वर्तमान में राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं।

सिंडिकेट ने अपना हिस्सा रखने के बाद चुनाव प्रचार में दिया

ईडी ने दावा किया है कि, टुटेजा मामलों का प्रबंधन कर रहा था और अनवर के साथ इस अवैध सिंडिकेट का सरगना था। आबकारी विभाग में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार हो रहा था और हर जगह से सैकड़ों करोड़ की नगदी एकत्र की जा रही थी। सिंडिकेट ने अपना हिस्सा रखने के बाद राजनीतिक अधिकारियों और चुनाव प्रचार के लिए दिया। अनवर इस सिंडिकेट का मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन था। अनवर ने टुटेजा को 14.41 करोड़ रुपये की डिलीवरी दी, इसके डिजिटल साक्ष्य हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग केस में दर्ज किया है मामला

दिल्ली की एक कोर्ट में आयकर विभाग की ओर से दायर अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच के लिए पिछले साल टुटेजा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईडी ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में एक आपराधिक सिंडिकेट काम कर रहा था, जो प्रमुख राज्य विभागों, विशेष रूप से आबकारी विभाग और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के उच्च-स्तरीय प्रबंधन को नियंत्रित करके अवैध वसूली कर रहा था।

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