Chatra News: चतरा जिले के सदर थाना क्षेत्र के ड़हुरा गांव में एक अनोखी घटना घटी, जिसने गांववालों की हिम्मत और इंसानियत की मिसाल पेश की। यह घटना न केवल चौंकाने वाली थी, बल्कि यह भी दिखाती है कि भय और साहस के बीच इंसान कैसे संतुलन बनाता है। गांव की लीला देवी, जो अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त रहती थीं, उस दिन भी गौशाला में गाय का दूध दुहने जा रही थीं। अचानक, घात लगाकर बैठे एक जहरीले गेहुंमन सांप ने उन्हें डस लिया। डंक लगते ही वे दर्द और डर से चीख पड़ीं। उनकी चीख सुनकर घर के लोग बेटे, पोते और आसपास के ग्रामीण भागते हुए वहां पहुंचे। घटना के तुरंत बाद गांववालों की नजर उस सांप पर पड़ी, जो तेजी से भागने की कोशिश कर रहा था। लेकिन ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई और बिना समय गंवाए उसे घेर लिया। किसी ने झाड़ी से डंडी उठाई, तो किसी ने मच्छरदानी निकाली। कुछ ही देर में सांप को काबू कर लिया गया और उसे मच्छरदानी में बंद कर दिया। लीला देवी की हालत बिगड़ती जा रही थी, इसलिए परिवार ने उन्हें सदर अस्पताल ले जाने का फैसला किया। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि वे सांप को भी अपने साथ ले गए! अस्पताल पहुंचते ही जब चिकित्सक और वहां मौजूद अन्य मरीजों ने मच्छरदानी में लिपटे उस सांप को देखा, तो वहां अफरा-तफरी मच गई।
कई लोग डर से इधर-उधर भागने लगे, तो कुछ लोग जिज्ञासा से सांप को देखने लगे। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने तुरंत लीला देवी का इलाज शुरू किया और परिवारवालों को सांप को दूर ले जाकर छोड़ने की सलाह दी। आखिरकार, परिजनों ने डॉक्टरों की बात मानी और सांप को जंगल में छोड़ दिया। यह घटना दिखाती है कि डर के बावजूद समझदारी और हिम्मत से काम लिया जाए, तो किसी भी संकट से उबरा जा सकता है। जहां एक तरफ गांववालों ने सांप को मारने के बजाय उसे पकड़कर अस्पताल ले जाना सही समझा, वहीं डॉक्टरों ने भी घबराने के बजाय सही इलाज पर ध्यान दिया। इस तरह, लीला देवी की जान बच गई और सांप को भी बिना नुकसान पहुंचाए सुरक्षित छोड़ दिया गया-इंसानियत और समझदारी की यह मिसाल लंबे समय तक याद रखी जाएगी।
चतरा से सूर्यकांत कमल की रिपोर्ट
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