चतरा में नवजात शिशु का हो रहा था खरीद-फरोख्त, हॉस्पिटल को किया गया सील

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Chatra News: चतरा जिले के सिमरिया थाना परिसर के समीप संचालित संजीवनी नर्सिंग होम में अवैध रूप से अबॉर्शन कराने और नवजात शिशु को बेचने का मामला सामने आया है. इस गुप्त सूचना के आधार पर अनुमंडल पदाधिकारी सन्नी राज और अंचलाधिकारी गौरव कुमार ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर नर्सिंग होम को सील कर दिया है. एसडीओ सन्नी राज को सूचना मिली थी कि संजीवनी नर्सिंग होम में एक अविवाहित महिला का सात माह का डिलीवरी कराया गया है और उसके स्वस्थ नवजात शिशु को पांच लाख में बेचा गया है. इस सूचना की पुष्टि के लिए सीओ गौरव कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गई. जांच के दौरान अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, जिसमें अविवाहित महिला के प्रसव की पुष्टि हुई. हालांकि, बच्चा कहां है, इस बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी. जांच के  दौरान पाया गया कि संजीवनी नर्सिंग होम का कोई वैध पंजीकरण नहीं है और वहां अवैध रूप से गर्भपात और डिलीवरी कराया जाता है.

जांच में हॉस्पिटल के संचालक सुदर्शन कुमार उर्फ सुमन कुमार और अबॉर्शन कराने में शामिल एएनएम विभा कुमारी का नाम सामने आया. पूछताछ में एएनएम विभा कुमारी ने गर्भपात कराने की बात स्वीकार की और बताया कि नवजात मृत था, जिसका अंतिम संस्कार हजारीबाग मुक्तिधाम में किया गया है. सीओ गौरव कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि संजीवनी नर्सिंग होम में अवैध तरीके से प्रसव कराया जा रहा है और नवजात शिशु को बेचने की तैयारी थी. छापेमारी के दौरान हॉस्पिटल का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं पाया गया. एएनएम ने अबॉर्शन कराने की बात कबूल की है, लेकिन नवजात को हजारीबाग ले जाकर अंतिम संस्कार करने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी अस्पताल भ्रूण जांच या गर्भपात नहीं कर सकता. यदि अबॉर्शन के दौरान या बाद में बच्चे की मौत होती है, तो संबंधित व्यक्तियों पर हत्या का मामला दर्ज हो सकता है. प्रशासन ने संजीवनी हॉस्पिटल को सील कर दिया है और संचालक व एएनएम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह मामला बेहद संवेदनशील और गंभीर है. प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि क्या इस तरह की घटनाएं पहले भी यहां हो चुकी हैं और इस अवैध कार्य में और कौन-कौन शामिल हैं. पुलिस और प्रशासन की टीम आगे की जांच में जुट गई है.

चतरा से सूर्यकांत कमल की रिपोर्ट

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