वेंटिलेटर पर चतरा की जीवन वाहिनी एम्बुलेंस सेवा, कबाड़ में तब्दील हो रहे एम्बुलेंस, कैसे होगा मरीजों का कल्याण?

Chatra News: स्वास्थ्य विभाग में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली सरकारी एंबुलेंस सेवा 108 चतरा में खुद ही इलाज की मोहताज हो गई हैं. स्वास्थ्य विभाग के बेड़े में एक मात्र सरकारी एंबुलेंस जिसका टायर पंचर होने से खराब पड़ी हैं, जिससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं खराब एंबुलेंस के उम्मीद पर ही स्वास्थ्य विभाग भी चल रहा है. हालात इतने खराब है कि एंबुलेंस खराब हुए 20 दिन बीत गए लेकिन उसे बनवाने की पहल अब तक नहीं की गई है. इटखोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आपातकाल सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर है. अस्पताल से रेफर किए जाने वाले मरीजों, खासकर गर्भवती महिलाएं, सड़क दुर्घटनाओं के शिकार और गंभीर रूप से बीमार लोगों को घंटों इंतेजार करने के साथ -साथ मुसीबत झेलना पड़ रहा है. कई बार एंबुलेंस उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को मोटी रकम देकर निजी वाहनों या निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है. जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता है.

यही हाल जिले के एकमात्र सबसे बड़े अस्पताल सदर अस्पताल चतरा का भी है. यहाँ कहने को तो आधा दर्जन से अधिक सरकारी एम्बुलेंस हैं, लेकिन इनमें भी कई एंबुलेंस कवाड़े में खड़ा होकर अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यहाँ आपातकालीन विभाग में रोजाना औसतन 10 से 15 मरीज एंबुलेंस से लाए जाते हैं, जिसमे से 02 से 04 मरीजों को हजारीबाग सदर अस्पताल या रिम्स रांची रेफर किया जाता है. लेकिन खराब एंबुलेंसों के कारण रेफर मरीजों को अस्पताल में लंबा इंतजार करना पड़ता है. जब इस मामले से जिले के सिविल सर्जन को अवगत कराया गया तो उन्होंने बताया कि 108 एम्बुलेंस संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा किसी दूसरे एंजेसी का चयन किया गया है. यही वजह है कि 108 एम्बुलेंस खराब होकर खड़ी है. उन्होंने बताया कि अगले 10 से 15 दिनों में सारी चीजें सही होने की संभावना है. जितने भी एम्बुलेंस तकनीकी खराबी के कारण खड़ी है, उसे जल्द ही दुरुस्त कराते हुए मरीजों के सेवा में उपलब्ध कराया जाएगा.

अब देखना दिलचस्प होगा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जीवन वाहिनी कहे जाने वाली 108 एंबुलेंस की तरफ कबतक अपनी नजरें इनायत करती है. या फिर महकमे के अधिकारी अपने चैंबर में बैठकर ही सबकुछ ठीक कर लेने के दावे करते रहते हैं. या फिर लापरवाह अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार करेंगे.

चतरा से सूर्यकांत कमल की रिपोर्ट 

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