चांदीपुरा वायरस ले रहा बच्चों की जान, 3 राज्यों में पसार चुका पांव, अब तक 15 मौतें

Chandipura virus is taking the lives of children, has spread to 3 states, 15 deaths

Chandipura Virus ने गुजरात में कहर बरपा कर दिया है। इतना ही नहीं, इसने दो और राज्यों में भी अपने पांव पसार दिया है। यह खतरनाक वायरस बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसकी चपेट में आने के बाद बच्चों की मौत तक हो जा रही है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की रिपोर्ट से के अनुसार, देश में अब तक चांदीपुरा वायरस के 29 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं, इससे 15 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

चांदीपुरा वायरस का असर सबसे ज्यादा गुजरात में देखा गया है। दो अन्य राज्यों राजस्थान और मध्यप्रदेश में मिला कर कुल 29 केस सामने आये हैं। इनमें सबसे ज्यादा  26 मामले गुजरात में सामने आए हैं। राजस्थान में 2 और मध्य प्रदेश में 1 मामला सामने आ चुका है। इन मामलों में जो कुल 15 मौतें हुई हैं, उनमें 13 मौतें गुजरात में हुई हैं। जबकि एक-एक मरीज की मौत राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी हो चुकी है। चांदीपुरा वायरस का असर गुजरात के साबरकांठा, अरावली, महिसागर, खेड़ा, मेहसाणा, राजकोट, सुरेंद्रनगर, अहमदाबाद, गांधीनगर, पंचमहल, जामनगर और मोरबी जिलों देखा जा रहा है।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण और असर

चांदीपुरा वायरस का असर बच्चों में ज्यादा हो रहा है। वायरस से बुखार होता है। इससे असर से तीव्र इंसेफेलाइटिस यानी मस्तिष्क में सूजन होती है। फिर बीमार बच्चा कोमा भी भी चला जाता है। इसके बात उसकी मौत हो जा रही है। यह वायरस रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य है। यह मच्छरों, बालू मक्खी जैसे कीट पतंगों द्वारा फैलता है। यह वायरस पहले भी अपना असर दिखा चुका है। 2003-2004 में आंध्र प्रदेश और गुजरात में इससे 56-75 प्रतिशत तक मृत्यु-दर देखी गई थी।

वायरस का नाम चांदीपुरा क्यों है?

यह वायरस पहली बार 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा में पाया गया था। इसी वजह से इसका नाम ऐसे में इस वायरस को चांदीपुरा नाम दे दिया गया। इस वायरस से ज्यादातर 9 महीने से 14 साल के बच्चे प्रभावित होते हैं। यह वायरस ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में फैलता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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