न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
केन्द्र सरकार ने हिट एंड रन केस में पीड़ितों या उसके परिवार को तुरंत आर्थिक मदद कराने का ऐलान किया है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गयी है। जिला स्तर पर फंड तैयार कर सहायता पहुंचाने का काम समिति करेगी। समिति हादसों में मरने वालों या घायल होने वालों के परिवार को तुरंत आर्थिक मदद पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। सरकार के फैसले के अनुसार मरने वालों के आश्रितों को सड़क सुरक्षा फंड से तुरंत दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। जबकि घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। इस सम्बंध में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 5 अप्रैल को ही तमाम राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित वर्धन स्थायी समिति के प्रमुख बनाया गया है। इसके साथ तीन बीमा कंपनियों के सीएमडी, सड़क सुरक्षा के निदेशक समेत कुल 10 सदस्य समिति में होंगे। पीड़ितों तक तुरंत आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा फंड बनाने का प्रावधान किया है। इसमें बीमा कंपनियां भी लाभ का कुछ अंश प्रदान करेंगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि फंड में पर्याप्त धनराशि मौजूद रहे। डीएम के नेतृत्व में 30 अप्रैल तक जिला सड़क सुरक्षा कमेटियों के गठन का आदेश जारी कर दिया गया हैं। केंद्रीय समिति सड़क हादसों एवं इससे संबंधित मामलों की जिला स्तर पर ऑनलाइन निगरानी करेगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, तकऱीबन 70 हजार हिट एंड रन हादसे हर साल होते हैं। इन दुर्घटनाओं में साल में औसतन 28 से 29 हजार लोगों की जान जाती है। अक्सर हिट एंड रन मामले में टक्कर मारने वाला शख्स वाहन के साथ मौके से फरार हो जाता है। मृतक के आश्रितों अथवा जख्मी शख्स को वाहन बीमा कंपनी मुआवजा प्रदान करती ही है। सरकार भी इन मामलों में मुआवजा देगी।
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