Brain Eating Amoeba: पाकिस्तान में एक रहस्यमय बीमारी कहर बरपा रही है। पाकिस्तान का सिंध प्रांत दिमाग खाने वाले अमीबा की चपेट में हैं। इस रहस्यमय बीमारी से अब तक 11 लोगों की जान भी जा चुकी है। वैज्ञानिक शब्दावली में इसे नेगलेरिया फाउलेरी नामक बीमारी बताया जा रहा है। इस रहस्यमय बीमारी से पाकिस्तान का कराची सबसे ज्यादा प्रभावित है।
पाकिस्तान के स्वास्थ्य विभाग ने देश में नेगलेरिया से हुई मौतों की पुष्टि करते हुए कई अन्य लोगों के इससे आक्रांत होने की भी जानकारी दी है। सिंध स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पूरे प्रांत में नेगलेरिया फाउलेरी संक्रमण से अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। सिंध के कार्यवाहक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. साद खालिद ने कहा कि यह एक दुर्लभ जलजनित घातक अमीबा है जो ताजे पानी के स्रोतों में भी पनपता है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब एककोशिकीय जीव अमीबा के कारण किसी की मौत हुई है बल्कि इससे पहले भी दुनियाभर में कई लोग अमीबा के कारण अपनी जान गवां चुके हैं। इसी साल जुलाई महीने में केरल के आलप्पुझा में भी एक 15 साल के किशोर की ‘प्राइमरी अमेबिक मेनिंगोइन्सेफ्लाइटिस’ संक्रमण से मौत हो चुकी है। इस समय जब केरल में हड़कम्प मचा था तब केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि इससे चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ये संक्रामक बीमारी नहीं है।
क्या है नेगरेलिया फाउलेरी बीमारी?
नेगलेरिया फाउलेरी को आम बोलचाल की भाषा में ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ कहा जाता है, नेगलेरिया जीनस की एक प्रजाति है। यह फ़ाइलम पर्कोलोज़ोआ से संबंधित है और इसे तकनीकी रूप से वास्तविक अमीबा के बजायआकार बदलने वाले अमीबोफ्लैगलेट उत्खनन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह मनुष्यों में रोगजनक बन सकता है, जिससे अत्यंत दुर्लभ, अचानक, गंभीर और आमतौर पर घातक मस्तिष्क संक्रमण हो सकता है जिसे नेगलेरियासिस या प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) के रूप में जाना जाता है। यह आमतौर पर तालाबों, झीलों, नदियों, गर्म झरनों, औद्योगिक या बिजली संयंत्रों से निकलने वाले गर्म पानी, भूतापीय कुएं के पानी, खराब रखरखाव या न्यूनतम क्लोरीनयुक्त पानी जैसे गर्म मीठे पानी के निकायों में पाया जाता है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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Brain Eating Amoeba