पूरे देश में साइबर अपराधियों का आतंक सर चढ़कर बोल रहा है । साइबर अपराधियों हर दिन कई लोगों को अपना शिकार बनाकर चुना लगा रहे है साइबर अपराधियों के इस आतंक को देखते हुए भारत सरकार का गृह मंत्रालय ने फोन में डायल टोन के माध्यम से आम जनमानस को सचेत कर रहे है वही हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी देकर गृह मंत्रालय के दिए हुए हेल्पलाइन नम्बर पर सूचना देने एवं मामले की करवाई करने की बात बताई जा रही है वही और भी दूसरे तरीके से बेहद पैमाने पर इसका प्रचार प्रसार भी सरकार के द्वारा किया जा रहा है । इसके बावजूद भी साइबर अपराधियों के हत्थे हजारों लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं ।
लेकिन कम पढ़ा लिखा आदमी साइबर अपराधियों का ठगी शिकार हो जाए तो यह समझ में आता है लेकिन हजारों लोगों की जिंदगी बचाने वाला एक डॉक्टर जब साइबर ठगों का शिकार हो जाए तो आप क्या कहेंगे । जिसकी पढ़ाई लिखाई क्लास वन ग्रेड की होती है। ऐसा ही वाक्या बोकारो में नजर आया जहां अस्पताल के निर्देशक को साइबर अपराधियों द्वारा कई घंटे डिजिटल अरेस्ट कर उनके खून पसीने की तिनका तिनका की गई कमाई को झटके में उड़ा ले गए । बरहाल मामला अब बोकारो के साइबर थाना में दर्ज कर बोकारो पुलिस साइबर अपराधियों की खोज बिन में जुट गई है महारत्नों से सुशोभित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बोकारो इकाई के कर्मचारियों के लिए बना अस्पताल बोकारो जनरल अस्पताल के निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ विभूति भूषण करुणा मय साइबर अपराधियों के ठगी के शिकार बनगए । साइबर ठगो ने उन्हें कई घंटे डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 20 लाख 86 हजार से ज्यादा रुपए ठग लिए । साइबर अपराधियों ने डॉक्टर साहब को फोन कर फांसा और डिजिटल अरेस्ट कर कई तरह से भयभीत किया ।
उन्हें मनी लांड्रिंग के केस में एफ आइ आर डॉक्टर साहब के ऊपर होने की बात कह कर भयभीत किया धमकाया और डॉक्टर साहब के मोबाइल फोन से अश्लील फोटो वायरल होने की बात कही । साइबर अपराधियों ने डॉक्टर साहब को मनी लांड्रिंग केस में गैर जमानती वारंटी की बात कह कर उनको धमकाया । साइबर अपराधियों ने डॉक्टर साहब को इस तरह धमकाया और जाल फैलाया की डॉक्टर साहब उनका गुलाम बनकर रह गए। डॉक्टर साहब साइबर ठगो के द्वारा जाल में इस तरह फंस गए की साइबर अपराधियों के हाथ की कठपुतली ही बन गए और साइबर अपराधियों द्वारा जो जाल फैलाई गई थी उसे मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए साइबर अपराधी जैसे-जैसे बोलते गए डॉक्टर साहब वैसे-वैसे करते गए । डॉक्टर साहब से साइबर ठगो ने आरटीजीएस के माध्यम से 20 लाख 86 हजार 987 रुपए कोर्ट में जमा करने की बात कह कर लिया और सत्यापन होने के बाद यह रकम बाद में लौटा दी जाएगी ।
डॉक्टर साहब ने उस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए उन साइबर अपराधियों की बात मान ली और अपनी पूरी जिंदगी की गाड़ी कमाई उन साइबर अपराधियों को सौंप दिया । 3 दिन बाद या पैसा वापस नहीं आया तो डॉक्टर साहब को यह समझ आ गया कि वह साइबर ठगो को अपना खून पैसे की कमाई सौंप चुके है। डॉक्टर साहब बोकारो के साइबर थाना में साइबर ठगो के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है और बोकारो साइबर पुलिस अब साइबर ठगों के तलाश में जुट गई है । अस्पताल के निर्देश के साइबर ठगी के होने पर लोग भी काफी आश्चर्य कर रहे हैं