आम नहीं खास है काला आलू, कई घातक रोगों की दवा भी है काला आलू
वेलेंटाइन वीक के खास मौके पर झारखंड की राजधानी रांची स्थित राजभवन को गुलाब देखने के लिए लोगों के लिए खोल दिया गया है। लोग जीभर कर उनका दीदार कर रहे हैं और उसकी तारीफ कर रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है, राजभवन में सिर्फ गुलाब या दूसरे फूल ही नहीं, उगते, यहां के किचेन गार्डन में सब्जियां भी उगायी जाती हैं। राजभवन जब आम लोगों के लिए खुला हुआ है, ऐसे में लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र एक सब्जी बनी हुई है। यह है काला आलू। आपने सफेद और लाल आलू तो खूब देखा और खाया होगा। लेकिन क्या आपने काले आलू के बारे में सुना है?
जानकारी के अनुसा, यह काला आलू न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है। राजभवन की बागवानी के लिए बागबानों की पूरी टीम है, जिनकी निगरानी में यहां कि बगिया हरी-भरी रहती है। इन्हीं की देखरेख में ही काले आलू की फसल भी शान से लहलहा रही है। राजभवन में काले आलू की बेहतरीन फसल राजभवन के किचन गार्डन में काले आलू को प्रयोग के तौर पर लगाया गया था, जिसकी फसल अब तैयार हो चुकी है। सहायक उद्यान प्रभारी नीलेश रासकर की निगरानी में काले आलू की बेहतरीन फसल हुई है। नीलेश रासकर बताते हैं कि काले आलू मधुमेह के मरीजों के लिए काफी गुणकारी है। इसमें कैंसर रोधी गुण भी होते हैं।
अब बता दें कि यह काला आलू आया कहां से हैं। वैसे आलू भारत की मूल सब्जी नहीं है। इसका जन्म स्थान दक्षिण अमेरिका है। काला आलू जो आलू बिरादरी का ही सकता है, मुख्य रूप से अमेरिका के एंडीज पर्वत क्षेत्र में ही पाया जाता है, जो अब अपने देश भी पहुंच गये है। और अब इसकी खेती झारखंड में भी होने लगी है। राजभवन के किचन गार्डन में नवंबर महीने में इसे प्रयोग के तौर पर लगाया गया था और अब इसकी फसल तैयार हो चुकी है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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