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BJP Mission South 2024: दक्षिण भारत के राज्यों में क्या दिखेगा मोदी मैजिक का असर? क्या है BJP की रणनीति

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BJP Mission South 2024 उत्तर भारत में बीजेपी की लोकप्रियता अपने शिखर पर है और अब बीजेपी इसे दक्षिण भारत में भी कायम करने की कोशिश कर रही है। उत्तर भारत में अपनी मजबूत स्थिति बनाने के बाद अब भाजपा दक्षिण भारत में भी अपनी नजर बनाए हुए है। इसके लिए पार्टी की ओर से प्रयास (BJP Mission South: 2024) शुरू कर दिए गए हैं। पार्टी तमिलनाडु से पूरे दक्षिण भारत में अपनी मजबूत स्थिति बनाने की तैयारी में लग गई है।राजनीतिक विश्लेषकों क मानें तो पार्टी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में यहां पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। यही कारण है कि, 2024 लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा एक बार फिर से दक्षिण भारत में अपनी पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही है।

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भाजपा के पास लोकसभा में दक्षिण से केवल 29 सीटें हैं

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक दक्षिण के राज्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पुड्डुचेरी मिलकर लोक सभा में 130 सांसद भेजते हैं जिसमें से फिलहाल 29 सीटें ही भाजपा के पास हैं। इसमें से 25 सीटें उसे अकेले कर्नाटक से मिली हैं और तेलंगाना से उसके पास 4 सीट है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और पुडुचेरी में भाजपा के पास एक भी सीट नहीं है। इसलिए BJP अब दक्षिणी राज्यों की 129 संसदीय सीटों में अधिक से अधिक सीट जीतने की कोशिश में लग गई है। बीजेपी की नजर इस बार दक्षिण में सिर्फ कर्नाटक और तेलंगाना पर ही नहीं है। पार्टी की योजना में तमिलनाडु और केरल भी शामिल है। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों पर नजर रहेगी।कर्नाटक में 10 मई को विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं और राज्य में इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी है। वहीं तेलंगाना में इस साल के अंत में विधान सभा चुनाव होना है जिसे लोक सभा चुनाव को लेकर निर्णायक माना जा रहा है।

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PM मोदी का माइनॉरिटी आउटरिच प्लान

केरल के दो दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (BJP Mission South: 2024) ने सोमवार को चर्च के आठ पादरियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के जरिए भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिणी राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय तक अपनी पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। पिछले महीने नागालैंड, मेघालय सहित तीन पूर्वोत्तर राज्यों के चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन से उत्साहित प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन आने वाले समय में केरल में भी सरकार बनाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से उत्तरपूर्वी राज्यों और गोवा जहां बड़ी ईसाई आबादी है, उसने बीजेपी, उसके काम और उसकी सरकार को स्वीकार किया है। केरल के लोग भी आने वाले दिनों में भाजपा को स्वीकार करेंगे। अपने केरल दौरे के क्रम में पीएम मोदी केरल के तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में 3200 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। साथ ही केरल को राज्य के पहले वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का तोहफा भी दिया । इसके साथ ही कोच्चि में देश के पहले वॉटर मेट्रो का भी उद्घाटन किया।

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अन्य दलों के महत्वपूर्ण नेता जुड़े

पिछले दिनों कांग्रेस के दिग्गज नेता, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और मनमोहन सिंह सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी, अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी और आजाद भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल और स्वतंत्रता सेनानी सी. राजगोपालाचारी के परपोते एवं तमिलनाडु कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता रह चुके सीआर केसवन को पार्टी में शामिल करवा कर भाजपा ने दक्षिण भारत से आस  लगाए कांग्रेस को झटका देने का प्रयास किया। दक्षिण भारत में भाजपा पूरी तरह सक्रिय है और यहां अपनी सियासी पकड़ मजबूत  करने की जुगत में लग गई है। भाजपा यहां पूरी तरीके से युवाओं पर फोकस कर रही है और उन्हें साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।

 ये भी पढ़ें : Opposition Unity: नीतीश, तेजस्वी, ममता, अखिलेश का ख्वाब 80 + 40 + 42 = भाजपा 0

 

 

 

 

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