झारखंड विधानसभा के वर्तमान चुनाव में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। प्रत्याशी अपनी जीत के लिए तरह-तरह के दांव-पेंच के साथ एक और नया ‘चुनावी पेंच’ आजमा रहे हैं। इस बार के चुनाव में एक नहीं कई ऐसे मामले सामने आये हैं जब विरोधी प्रत्याशियों द्वारा दूसरे प्रत्याशियों के नामांकन पर सवाल उठाकर चुनाव आयोग से शिकायतें की गयी हैं। हालांकि अभी तक किसी मामले में चुनाव आयोग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसा ही मामला महागामा विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला है।
बता दें कि जिला के महागामा अनुमंडल कार्यालय में बुधवार को दिनभर गहमा-गहमी का माहौल रहा। तरह-तरह की अफवाह भी उड़ती रहीं। भाजपा प्रत्याशी अशोक भगत ने कांग्रेस प्रत्याशी दीपिका पांडे सिंह के नॉमिनेशन पर सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने नामांकन पत्र में तथ्य को छुपाया है। 2020 में आदिवासी उत्पीड़न का एक मामला है जिसे उन्होंने नहीं दिखाया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ पक्षपात हुआ है। इस मामले को लेकर वह अपने अधिवक्ताओं से बात करेंगे।
वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि भाजपा कुछ भी करके चुनाव जीतना चाहती है। जिन तथ्यों के आधार पर भाजपा प्रत्याशी द्वारा नॉमिनेशन रद्द करने की मांग की गई वह आधार बनता है नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा हताशा में है।
ज्ञात हो कि निर्वाची पदाधिकारी ने दीपिका पांडे सिंह के नॉमिनेशन को वैध करार दिया गया है।
अशोक भगत, भाजपा प्रत्याशी, महागामा विधानसभा का क्या कहना है
दीपिका पांडेय सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी, महागामा विधानसभा का क्या कहना है
गोड्डा से प्रिंस यादव की रिपोर्ट/ समाचार पल्स – झारखंड-बिहार
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