विदेश से आये ‘वायरस’ ने फैलाया बर्डफ्लू! आंध्र प्रदेश में लाखों मुर्गियों के मरने से हड़कंप

अभी कुछ दिनों पहले झारखंड में बर्डफ्लू से कुछ मुर्गियों के मरने की खबर आयी थी। इस खबर पर लोग शायद ज्यादा ध्यान नहीं दे पाये होंगे। मगर आंध्र प्रदेश से जो खबर आ रही है, वह न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि भयावह भी है। भोपाल हाई सिक्योरिटी लेबोरेटरी ने पुष्टि की है कि कुछ हफ्तों में आंध्र प्रदेश में लाखों मुर्गियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू है। जो कि पिछले कुछ हफ्तों में गोदावरी जिलों में बड़ी संख्या में मरी हैं। इसका कारण भी स्पष्ट किया गया है। आंध्र प्रदेश के पशुपालन विभाग ने बताया है कि कोलेरू जलग्रहण क्षेत्रों में पक्षियों (विदेशी) के प्रवास के कारण जो वायरस फैला है, उसके कारण ही मुर्गियों की बड़ी मात्रा में मौत हुई। अगर यह सही है तो यह खतरा सिर्फ आंध्र प्रदेश के लिए ही नहीं, है बल्कि हर राज्य और उनके जिलों के लिये है। अभी ठंड पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है, और विदेशी, खास कर ठंडे प्रदेश से बड़ी संख्या में पक्षी भारत आये हुए हैं। गर्मी बढ़ने के बाद ही इनकी वापसी होगी।

आंध्र प्रदेश में मुर्गियों की अचानक हुई इन मौतों से हड़कंप मच गया है। किसी अज्ञात वायरस के कारण न सिर्फ आंध्र प्रदेश, बल्कि तेलंगाना के कुछ हिस्सों में कई मुर्गियां मरी हैं। खम्मम और सथुपल्ली के साथ-साथ दोनों गोदावरी जिलों में भी बड़ी संख्या में मुर्गियों की मौत हुई है।

पशुपालन विभाग ने मृत मुर्गियों के नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे थे। पश्चिमी गोदावरी जिले के दो इलाकों में मुर्गियों की मौत का कारण एवियन इन्फ्लूएंजा (HN1 – बर्ड फ्लू वायरस) बताया जा रहा है। पश्चिम गोदावरी जिले के तनुकु मंडल के वेलपुर और पूर्वी गोदावरी जिले के पेरावली मंडल के कानुर, अग्रहारम के मुर्गी फार्मों से लिये गये नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

प्रवासी पक्षी अपने साथ लाते हैं वायरस!

बताया जाता है कि बर्ड फ्लू प्रवासी पक्षियों में पाये जाने वाले वायरस से फैलता है जो हर साल विभिन्न देशों से आते हैं। पक्षियों के पानी में शौच करने से वायरस जलाशयों में पहुंच गया। अनुमान है कि मुर्गियों में संक्रमण पानी के जरिए हुआ। यदि तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच है तो बर्ड फ्लू वायरस जीवित नहीं रहता है। वर्तमान में, राज्य के अधिकांश हिस्सों में 34 डिग्री से अधिक तापमान का अनुभव हो रहा है, इसलिए वायरस के आगे फैलने की संभावना नहीं है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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