न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
इनसान अगर ठान ले तो कुछ भी असम्भव नहीं है। दृढ़ इच्छाशक्ति हर असम्भव हो संभव बना देती है। इसका उदाहरण पेश किया है पटना के बेउर जेल में सजा काट रहे दो कैदियों ने। इन दोनों ने स्वप्रेरणा से न सिर्फ पढ़ाई करने की ढानी, बल्कि नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (NOU) से मास कम्युनिकेशन (Mass Communication) कोर्स में प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास कर सबको अचंभित कर दिया है। इन दोनों कैदियों की उपलब्धि पर जेल के दूसरे कैदियों में उत्साह का माहौल है और प्रेरणा ले रहे हैं। जेल प्रशासन ने इन कैदियों की सफलता के लिए उनकी सराहना की है।
जेल की लाइब्रेरी में पढ़कर किया मास कम्युनिकेशन परीक्षा में आये प्रथम
जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेउर जेल में सजा काट रहे कैदी विशाल कुमार एवं शिवजी यादव ने यह उपलब्धि हासिल की है। दोनों ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की। विशाल कुमार अपहरण और हत्या के मामले में 20 वर्ष की सजा भुगत रहे है। बताया जा रहा है कि विशाल कुमार 3 मई, 2013 से बेउर जेल में बंद हैं। सजा मिलने के बाद उसने जेल के अंदर ही अपनी पढ़ाई शुरू की और कड़ी मेहनत और लगन के बल पर उसने मास कम्युनिकेशन में प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास कर ली।
दूसरी ओर, शिवजी यादव 2015 में जेल में भागलपुर से स्थानांतरित होकर आया बेऊर जेल आया था। वर्ष 2008 में उस पर मामला दर्ज होने के बाद उसे 20 वर्ष की सजा मुकर्रर की गई थी। शिवजी यादव एवं विशाल कुमार ने कंबाइंड स्टडी करके अपना पूरा ध्यान अध्ययन पर लगाया। इसमें इन्हें बड़ी सफलता हासिल हुई है। जेल सूत्र बताते हैं कि कॉरेस्पॉन्डेंस कोर्स के माध्यम से उसने जेल के लाइब्रेरी को ही अध्ययन कक्ष बना डाला। जेल सुपरिटेंडेंट जितेंद्र कुमार ने बताया कि इन दोनों को पढ़ने के लिए जेल की लाइब्रेरी खोल दी गयी थी। उन्होंने बताया कि उनकी सजा अब लगभग पूरी होने जा रही है। जेल से निकलने के बाद वे इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं।
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